भोपाल। वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री श्री रामनिवास रावत ने वन अधिकार पत्र धाराकों को शासन की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं किसान क्रेडिट कार्ड का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वनों में निवास करने वाले अनूसुचित जनजातीय वर्ग के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर रूपये 3 हजार से बढ़ाकर 4 हजार प्रति मानक बोरा कर दी गई है। जिससे वनवासियों को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक के रूप में 660 करोड़ की राशिवितरित की गई है। मंत्री श्री रावत ने कहा कि बांस रोपण को बढ़ावा दिया जाये और इसके लिये अधिक से अधिक कृषकों को बांस लगाने के लिये प्रेरित किया जाये।
मंत्री रावत ने कहा कि वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन करने की कार्रवाई की जाये। इसके लिये समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाकर समस्त कलेक्टरों को निर्देश जारी करें। मंत्री श्री रावत ने बताया कि एक "पेड़ माँ के नाम अभियान" के अंतर्गत 6.30 करोड़ पौधा रोपण लक्ष्य के विरूद्ध 5.47 पौधे रोपित किये गये है।
मंत्री श्री रावत ने कहा कि अनुभुति कार्यक्रम के अंतर्गत 1151 शिविरों में 2287 शैक्षणिक संस्थानों के 1.47 लाख विद्यार्थियों एवं 8006 शिक्षकों को वन, वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया है। उन्होंने कहा कि चीता परियोजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत गांधी सागर अभ्यारण, मंदसौर में चीता लाने की तैयारियाँ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमारे प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक है। इसके लिये हमें वनों में पुख्ता इंतेजाम करने होंगे।
मंत्री श्री रावत ने बाघ प्रबंधन के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये उन्होंने कहा कि बाघ की संख्या में भी मध्यप्रदेश अग्रणी है। बाघ संरक्षण के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिये की माधव राष्ट्रीय उद्यान एवं रातापानी अभ्यारण को टाईगर रिजर्व घोषित करने के कार्रवाई करे। मंत्री श्री रावत ने वन विभाग की सभी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।