सहका नाले पर पानी होने के बाद भी जान जोखिम डालकर निकलते हुए लोग। |
बेगमगंज। लगातार 72 घंटे से हो रही अनवरत वर्ष से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। आज गुरुवार को भी कई जगह का सड़क संपर्क नदी नाले उफान पर होने के कारण टूटा रहा , वही कई गरीबों के कच्चे घरों के छप्पर एवं दीवारें धराशाई हो गई ।
क्षेत्र में पिछले तीन दिन से लगातार कभी बहुत तेज तो कभी मध्यम वर्षा से सेमरी नदी , बीना नदी , बेबस नदी सियरमऊ से सुल्तानगंज से सुनवाहा होकर सागर तक , दूधई नदी पंडाझिर , धसान नदी घोघरी सहित अन्य छोटी नदियों एवं पहाड़ी नालों ने कई स्थानों का आवागमन बंद कर रखा है , तो खेतों में बहुत ज्यादा पानी भरने से धान की रोपाई करने वाले किसान तो संतुष्ट है लेकिन जिन किसानों ने सोयाबीन एवं मक्के की फसल की बुवाई की है , वह जरूर अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन के खेतों में पानी भरा होने के कारण चिंतित हैं।
पिछले तीन दिन से बेगमगंज विदिशा मार्ग अभी भी पूरी तरह से बंद है । बीना नदी का पानी बेरखेड़ी घाट पर 6 फीट तक ऊपर होने के कारण रास्ता बंद है । वही बेबस नदी का पानी सिमट जाने के कारण आज से बेगमगंज - सुल्तानगंज मार्ग खुल गया है और इसी तरह परासरी नाले का पानी उतर जाने के कारण बुधवार की देर रात से सागर भोपाल मार्ग भी खुला हुआ है ।
वहीं आज सहका नाला , बीना नदी के बर्री घाट एवं खजूरिया -ककरुआ घाट की पुलिया पर पानी ऊपर होने के बाद भी लोग जान जोखिम में डालकर निकलते देखे गए । बीना नदी के बेर खेड़ी घाट पर प्रशासनिक व्यवस्था होने के कारण लोगों की पुल पार करने की हिम्मत नहीं हुई। एसडीएम सौरभ मिश्रा तहसीलदार एसआर देशमुख, थाना प्रभारी संतोष सिंह ठाकुर ऐसे सभी नदी के घाटों पर बराबर नजर बनाए हुए हैं। ग्राम कोटवार, नगर रक्षा समिति सदस्य नगर सैनिक एवं आरक्षक के बीना एवं सेमरी नदी के घाटों पर पहरा दे रहे हैं।
कृषि विभाग के पूर्व अधिकारी महेंद्रपाल सिंह यादव ने बताया कि अधिक वर्षा होने के कारण धान की फसल को तो नुकसान नहीं होगा लेकिन सोयाबीन की फसल जरूर प्रभावित हो सकती है ।
सोयाबीन की बुआई करने वाले किसानों को चाहिए कि वह अपने खेतों की मेढ़ को काटकर नाली बनाते हुए पानी का निकास कर दें अन्यथा नुकसान पहुंचाने की पूरी पूरी संभावना है ।