भोपाल। दमोह जिले के पटेरा विकासखण्ड के सैंकड़ों गाँव के लोग पीने के पानी की समस्या से परेशान थे। उन्हें अपने घर से दूर जाकर पीने का पानी लाना पड़ता था, जिससे गाँव के लोगों को समय लगता था। इस कारण ग्रामीणजनों को अपने दूसरे रोजमर्रा के कार्य करने में दिक्कत आती थी और उन्हें पीने के लिये शुद्ध जल भी नहीं मिल पाता था। राज्य सरकार की समूह नल-जल योजना ग्रामीणों के लिये वरदान सिद्ध हुई है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत जल निगम द्वारा दमोह पटेरा में समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से बेयर्मा नदी पर निर्मित सतधारू बांध पर आधारित दमोह पटेरा ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत 75.54 एमएलडी क्षमता का इंटेकवेल बनाया गया है तथा 58.80 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाया गया है। इस योजना में 2500 कि.मी. पाईपलाइन के माध्यम से 447 गाँव के 65 हजार ग्रामीणों को घर में नल से जल की आपूर्ति की जा रही है। हर ग्राम की आंतरिक जल वितरण प्रणाली का समुचित संचालन एवं प्रबंधन के लिये ग्राम पेयजल उप समिति बनाई गई है। इस समिति के सदस्यों को बकायदा प्रशिक्षण दिया गया है। समूह जल प्रदाय योजना ब्रिस्क देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक एवं राज्य शासन के संयुक्त तत्वाधान में योजना संचालित की जा रही है।
ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये सुसज्जित प्रयोगशाला में पानी का नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है। आपूर्ति किये जा रहे पेयजल की गुणवत्ता सील्ड मिनरल वॉटर जैसी है।