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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहोरीबंद में 1011.05 करोड़ रूपये की लागत की उदवहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों का शुभारंभ किया

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान बहोरीबंद की पावन भूमि से होकर चित्रकूट गए थे। यह श्रीराम की तपोस्थली है। इस क्षेत्र की जनता को पिछले 40 वर्षों से जिस योजना का इंतज़ार था, वह आज पूरी होने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को कटनी जिले के बहोरीबंद में 1011.05 करोड़ रूपये की लागत की बहोरीबंद उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों के शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहोरीबंद परियोजना से कटनी जिले की 4 तहसीलों के 151 गांव की 32 हजार हेक्टयर ज़मीन सिंचित होगी। इससे हर खेत के लिए जल की हर बूँद का कृषक स्प्रिंकलर, ड्रिप आदि पद्धति से उपयोग कर सकेंगे। नहर बनाने के लिए ज़मीन का प्रयोग नहीं किया जाएगा सीधे ही पानी खेत के लिए उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना से कटनी के नागरिकों को पेयजल आपूर्ति के प्रयास भी किये जाएगें। मुख्यमंत्री ने कटनी जिले में विकास के लिये 55 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहोरीबंद सिंचाई परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "ड्राप मोर क्रॉप" अर्थात पानी की बूंद-बूंद का उपयोग कर अधिकतम उत्पादन लेने के किये गए आहवान पर क्रियान्वित होगी। इसमें भूमि बचाव एवं जल बचाव के उद्धेश्य के साथ खेतों में पानी पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज बहोरीबंद की जनता होली और दिवाली एक साथ मना रही है। बारिश में भी कटनी के लोगों मे असीम उत्साह देखकर उनका हृदय प्रफुल्लित हो गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर चित्रकूट धाम को भव्य और दिव्य बनाया जाएगा। गोपाल कृष्ण के नाम पर प्रदेश की सभी नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में भगवत गीता के 18 अध्यायों पर केन्द्रित गीता भवन बनाये जायेंगे। साथ ही हर विकासखण्ड में वृंदावन के समान आदर्श गांव बनाया जाएगा। बहोरीबंद को 15 वार्ड जोड़कर नगर परिषद बनाया जाएगा। जिले के गाताखेड़ा, जुझारी, जमुनिया, सिहरिया, बेजनाला, जमुन्हाई में जलाशय बनाने के साथ बहोरीबंद जलाशय का पुनरुद्धार करने और बहोरीबंद के प्राचीन तीर्थ रूपनाथ, तिगवा, बिलहरी, वसुधा जल-प्रपात,केन नदी के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहोरीबंद मे "हरिबाबा हरिदास" के नाम पर धर्मशाला बनाई जायेगी।

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