समस्त आदिवासी समाज संगठन ने जल, जंगल, जमीन बचाने का संकल्प लिया, सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण फैसले पर जताया कड़ा विरोध
बैतूल। समस्त आदिवासी समाज संगठन के तत्वावधान में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर बैतूल में व्यापक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दिन की शुरुआत जिला अस्पताल में मरीजों को फल वितरण से हुई, जिसके बाद पड़ापेन ठाना रैन बसेरा में पड़ापेन सुमरनी का आयोजन किया गया। इसके पश्चात, आदिवासी समाज की एक विशाल रैली निकाली गई, जिसमें जल, जंगल, जमीन बचाने और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आरक्षण फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया गया।
रैली रैन बसेरा से प्रारंभ होकर गुरुद्वारा रोड, गंज, शिवाजी चौक, लल्ली चौक, बस स्टैंड कोठी बाजार होते हुए नेहरू पार्क चौपाटी तक पहुंची और अंततः आदिवासी सामुदायिक मंगल भवन में समाप्त हुई। रैली में भाग लेने वाले समाज के लोग सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण फैसले का विरोध कर रहे थे और केंद्र सरकार से इस फैसले पर अध्यादेश लाकर इसे निरस्त करने की मांग कर रहे थे।
समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों का किया सम्मान
आदिवासी सामुदायिक मंगल भवन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर, पड़ापेन की सुमरनी और महापुरुषों के छायाचित्र पर माल्यार्पण से हुई। इस अवसर पर 10वीं और 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों के रूप में पूर्व विधायक निलय डागा, समस्त आदिवासी समाज संगठन के जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके, जयस जिला अध्यक्ष संदीप के धुर्वे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे, अलकेश कवड़े, बारेलाल सिरसाम, शंकर सिंह सरियाम, सरवन मरकाम, दिलीप धुर्वे, अखिलेश कवड़े, संजय धुर्वे, सोहनलाल धुर्वे, मनुलाल चिलाटे, जनकलाल मवासे, योगेश धुर्वे, अंतसिंह मर्सकोले, आकास जिला अध्यक्ष शंकर सिंह आहके, दीपक कपूर, दुर्गा उइके, गीता उइके, पुष्पा पेंदाम, सुनील सलामे, राजेश कुमार धुर्वे, योगेश धुर्वे, भोलाराम उइके, देवेश्वरी मरकाम, कुंबी समाज के जिलाध्यक्ष दिनेश मस्की, कोरकू समाज संगठन के चैतराम कासदे, पी.सी. बारस्कर, नंदकिशोर धुर्वे, कल्लू सिंह उइके, रंजीत सिंह धुर्वे, सौरभ सलामे, जितेंद्र सिंह इवने, राजू उइके, संतोष धुर्वे, सोनू धुर्वे, महेश शाह उइके, अविनाश धुर्वे, राजेश सरियाम, मोहन धुर्वे, अंकित कुमरे सहित अन्य सामाजिक बन्धु उपस्थित थे।
पीपीपी मोड मेडिकल कॉलेज का विरोध
कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायक निलय डागा ने पीपीपी मोड पर बनाए जा रहे बैतूल मेडिकल कॉलेज का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज इस फैसले का पुरजोर विरोध करता है और वह स्वयं भी समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने राज्य सरकार से विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित करने की भी मांग की। कार्यक्रम के अंत में आदिवासी समाज संगठन के प्रतिनिधियों ने संयुक्त कलेक्टर को आदिवासी समाज के प्रमुख मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मुख्य रूप से पीपीपी मोड मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उठाया गया और इसे निरस्त करने की मांग की गई।
सांस्कृतिक पहचान और समाज की एकजुटता पर दिया जोर
आकास प्रांतीय सचिव सरवन मरकाम ने आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान और प्रकृति के प्रति उनके गहरे जुड़ाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को 100 प्रतिशत शिक्षित होना चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों और हितों की रक्षा कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समाज को मिलने वाली सरकारी बजट राशि का उपयोग समाज के हित में होना चाहिए।कार्यक्रम के अंत में सभी सामाजिक बंधुओं को भोजन वितरण किया गया और आयोजन का समापन हुआ। पूरे जिले में विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया, जिसमें आदिवासी समाज की एकजुटता और उनके मुद्दों के प्रति जागरूकता का प्रदर्शन किया गया।