सागर। रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय में 1857 की क्रांति की महान योद्धा रानी अवंतीबाई की जयंती पर स्मरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें इतिहासकार और केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के प्रो बृजेश श्रीवास्तव तथा कन्या महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ नवीन गिडियन ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से उपस्थितों को अवगत कराया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव डॉ शक्ति जैन ने की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि वक्ताओं, विश्वविद्यालय कुलसचिव तथा शिक्षण स्टाफ द्वारा रानी अवंती बाई लोधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ बृजेश श्रीवास्तव ने रानी अवंती बाई के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि रानी अवंतीबाई लोधी 1857 की क्रांति की महान योद्धा थी। वे किसी भी स्थिति में अँग्रेजी हुकूमत के वर्चस्व को सहन नहीं कर सकीं थी। इसी के चलते उन्होंने गोपनीय तरीके से अपने काफिले का विस्तार करते हुए बहुत कम संसाधनों के बावजूद अपने पराक्रम से उन्होंने अँग्रेजों को झुकने पर मजबूर कर दिया और अंत में इसी पराक्रम से स्वयं का बलिदान भी कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि रानी अवंतीबाई की रणनीति, पराक्रम सैन्य संगठन क्षमता, अँग्रेजों की तीव्र खिलाफत और युद्ध कौशल उन्हें झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के समान स्तर पर ही प्रतिष्ठित करता है। रानी अवंतीबाई लोधी जयंती के अवसर पर आमंत्रित दूसरे वक्ता कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार गिडियन ने रानी अवंतीबाई का उल्लेख गज़ेटियरों में होने के प्रमाण देते हुए उनके संघर्ष से मिलती शिक्षाओं को आत्मसात करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अत्याचार का विरोध, धैर्य, साहस और मानवीयता जैसे गुणों से रानी अवंतीबाई परिपूर्ण थी और अँग्रेजों के प्रतिरोध का सारा दायित्व स्वयं लेकर लगभग एक हजार लोगों को स्वयं के बलिदान के पश्चात सजा से मुक्त कराने का कार्य भी उन्हें महात्वपूर्ण बनाता है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए कुलसचिव डाॅ. शक्ति जैन ने राजकीय विश्वविद्यालय का नाम रानी अवन्तीबाई लोधी विश्वविद्यालय होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री व विधायक श्री शैलेन्द्र जैन को धन्यबाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. मुकेश कुमार अहिरवार ने किया तथा डाॅ. भावना पटेल ने अभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डाॅ. रजनी दुबे, पंचमलाल सनोडिया, डाॅ. मिथलेश शरण चौबे, डाॅ. अलका पुष्पा निशा, डाॅ. स्वर्णलता तिवारी, डाॅ. एम. के मिश्रा, डाॅ. प्रदीप श्रीवास्तव, शीतल सोनी, आकाश कोरी, खूबसींग लोधी, अजय, अनुज आदि शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।