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आकाशवाणी भोपाल में आज़ादी पर्व में कविसम्मलेन और मुशायरा

 राष्ट्रगान गूंजे घर घर पर लगे तिरंगे हों...

भोपाल।  आकाशवाणी भोपाल द्वारा आज़ादी की अमृत महोत्सव और "हर घर तिरंगा abhiyaan" के अंतर्गत "शब्दांजलि" कार्यक्रम की प्रथम कड़ी का आयोजन किया गया. देशभक्ति रचनाओं की प्रस्तुति के इस कार्यक्रम में आकाशवाणी भोपाल के उप महानिदेशक अभियांत्रिकी  यशवंत चिवण्डे , उप निदेशक अभियांत्रिकी  ए एच हाशमी ,  कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट , कार्यक्रम अधिकारी अनामिका चक्रवर्ती सहित आकाशवाणी भोपाल के अधिकारीगण और सुधि साहित्यकार मौजूद थे ।  आमंत्रित कवि में शामिल थे सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि चौधरी मदन मोहन समर , उर्दू के वरिष्ठ शायर श्री अंजुम बाराबंकी , वीर रस व ओजपूर्ण कवि श्री धर्मेन्द्र सोलंकी और युवा कवयित्री शिवांगी शर्मा । कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट ने अपने स्वागत वक्तव्य में शब्द सुमनों द्वारा सभी उपस्थितों का स्वागत किया  और शब्दांजलि कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा सदन के समक्ष रखी। तत्पश्चात सूत्रधार श्री धर्मेंद्र सिंह सोलंकी सहित सभी कवियों ने अपनी ओजपूर्ण कविताओं से माहौल को देशभक्ति की भावना से भर दिया. चौधरी मदनमोहन समर ने अपनी ओजपूर्ण आवाज़ में पढ़ा "चांद तिरंगा जय भारत - सम्मान तिरंगा जय भारत , घर घर का मान तिरंगा है  अभिमान तिरंगा जय भारत" वीररस से परिपूर्ण इस कविता को खूब सराहना मिली. संवेदना के kavi धर्मेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा "स्वतंत्रता एक पर्व नहीं , धर्म हमारा है , इसकी खातिर मर मिट जाना कर्म हमारा है"  इस कविता पर आपने खूब तालियाँ बटोरी. युवा कवियित्री ने शिवांगी शर्मा ने कविता पढ़ी "मन के पाप पुण्य की गठरी धोने को, अविरल बहती भारत में मां गंगा है" देशप्रेम से ओतप्रोत इस कविता को सभी ने सरहा. उर्दू के सशक्त हस्ताक्षर और जाने माने शायर श्री अंजुम बाराबंकी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ग़ज़ल पढ़ी "खुशबुओं का पयाम लाए हैं , फूल जैसा क़लाम लाए हैं, हम स्वाधीनता दिवस पर आज , ज़िंदगी का सलाम लाए हैं" अंजुम ने जैसे जैसे शेर पढ़ते गए पूरा हॉल तालियो और वाह वाह की अव्वज़ से गूंज उठा. वीर रस से ओत- प्रोत गीत , ग़ज़ल और शायरियों से उपस्थित दर्शकों को भी देश भक्ति के रंग से सराबोर कर दिया । इसके बाद उप निदेशक अभियांत्रिकी ए एच हाशमी ने सभी कवियों शायरों और अधिकारियों सहित सुधी श्रोताओं का आकाशवाणी की ओर से आभार प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध कवियित्री और आकाशवाणी में महिलाओं के कार्यक्रम की प्रस्तोता शशि बंसल ने किया.





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