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दो कार्यालयों के बीच समन्वय ना होने के कारण माध्यमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति आदेश अटके

भोपाल।  माध्यमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय भोपाल से होना है । इसके लिए भोपाल संभाग के जिन माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति को 12 वर्ष हुए हैं उनको  प्रथम एवं 24 वर्ष होने पर द्वितीय क्रमोन्नति लगाकर वेतन वृद्धि करने के शासन के आदेश हैं।  परंतु भोपाल संभाग में माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ मिल पाना संभव नहीं दिख रहा है । इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी एक दूसरे कार्यालय की कार्यप्रणाली को दोष दे रहे हैं । 

संयुक्त संचालक लोकशिक्षण कार्यालय भोपाल में पता करने पर जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा कि डीईओ कार्यालयों से प्रस्ताव नहीं आये हैं । फिर जब जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भोपाल में पता करने पर नई जानकारी सामने आई है कि जेडी ओफिस में प्रस्ताव तीन वार भेजे जा चुके हैं हर बार कोई ना कोई कमी बताकर प्रस्ताव लौटा दिये जाते हैं । 

इसकी असलियत जानने के लिए मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के लखन सिंह सेेंगर , आजाद अध्यापक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता अवनीश श्रीवास्तव, आजाद अध्यापक संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी मनीष यादव , एन एम ओ पी एस के प्रांतीय मीडिया प्रभारी हीरानंद नरवरिया , नरेश सक्सेना , देवेन्द्र शर्मा , राज्य कर्मचारी संघ,  मनोज शर्मा आदि ने जब डीईओ कार्यालय भोपाल में बाबू जी से बात की तो उन्होने बताया कि हमने 480 माध्यमिक शिक्षकों की प्रथम क्रमोन्नति एवं 170 माध्यमिक शिक्षकों की द्वितीय क्रमोन्नति  के प्रस्ताव तैयार करके सूची बनाई है जिसमें से केवल 380 शिक्षकों की सी आर (गोपनीय चरित्रावली) प्राप्त हुई है इसलिए जितनी सी आर प्राप्त हैं सूची में उनके आगे प्राप्त व जिनकी अप्राप्त हैं  उनके नाम के आगे अप्राप्त लिखकर प्रस्ताव भेजे थे जिन्हें जेडी ओफिस में लेने से इन्कार कर दिया गया है और बापस भेज दिए गये हैं  । जेडी कार्यालय मैं क्रमोन्नती आदेश को लेकर  कोई अपनी जिमेदारी लेने तैयार नहीं यह सब खेल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अधिकारी  बाबू खेल रहे है । इनके ऊपर वरिष्ठ अधिकारीयो के आदेश का कोई प्रभाव नहीं होता है इसलिए खुलकर वरिष्ठ कार्यालयों के आदेशों की अवेहलना की जा रही है। क्रमोन्नति ना मिलने के कारण शिक्षकों में भारी रोष पनप रहा है। इस प्रकरण को मध्यप्रदेश  शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष छत्रवीर सिंह राठोर ने गंभीरता से लिया है ।

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