भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बहनों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। प्रदेश की जनता और बहनों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का एक अलग ही आनंद है। बहनों ने आज जिस स्नेह से उन्हें राखी बांधी है, उसे वह भूल नहीं सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज रक्षाबंधन एवं श्रावण उत्सव में नरसिंहपुर के कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित लाड़ली बहनों के आभार सह उपहार कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहनों को राज्य सरकार प्रतिमाह 1250 रुपये की राशि दे रही है, जिसका उपयोग बहनें अपने परिवार को चलाने के लिए करती हैं। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर 10 तारीख को लाड़ली बहना योजना की राशि के साथ उन्हें 250 रुपये अलग से दिये जायेंगे। यह राशि प्रदेश की 1.29 करोड़ बहनों के बैंक खातों में अंतरित की जायेगी। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व सभी त्यौहारों से बड़ा है, जो भाई- बहन के अटूट प्रेम को प्रदर्शित करता है। आज यहां नरसिंहपुर की बहनों के बीच पहुंचकर जो स्नेह मुझे मिला है, ऐसा लगता है कि आज मैंने सभी त्यौहार मना लिये। यह त्यौहार हमारी सनातन संस्कृति का एक अभिन्न अंग है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि उपज मंडी नरसिंहपुर में आयोजित लाड़ली बहनों के आभार सह उपहार कार्यक्रम में 151.13 करोड़ रुपये की लागत से 12 निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन व शिलान्यास किया। साथ ही विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं के तहत हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को लाड़ली बहनों ने वृहद राखी भेंट की और उनकी कलाई पर राखी बांधी। मुख्यमंत्री ने नरसिंहपुर की खुली जेल परिसर में आम का पौधा रोपा। जेल विभाग के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कई जन्मों के पुण्य के बाद भाग्य अच्छा हो, तो मनुष्य इस पृथ्वी पर जन्म लेता है और सौभाग्य अच्छा रहा, तो वह भारत में जन्म लेता है। भगवान के भक्ति के पुण्य से मध्यप्रदेश में तथा साधना की पराकाष्ठा से वह नर्मदा किनारे जन्म लेता है। हमारी संस्कृति है जियो और जीने दो। हमारी संस्कृति सर्वे भवंतु सुखिन:-सर्वे संतु निरामया, यही संस्कृति हमें एक-दूसरे एवं प्रकृति से जोड़ती है। चराचर जगत में हमारी समरसता के कारण ही भारत की अलग पहचान है, जहां सदैव संस्कार पूजे जाते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद द्वारा अमेरिका में दिये भाई- बहनों के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में समानता का भाव है। जहां दुनिया में व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की आवश्यकता होती है, लेकिन हमारे यहां यह कार्य संस्कार करते हैं। पुलिस तो गुंडे- बदमाशों को नियंत्रित करने के लिए चाहिये।