भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीराम ने 11 वर्ष निवास किया, वहीं भगवान श्रीकृष्ण ने प्रदेश में आचार्य सांदिपनि आश्रम, उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की। इस नाते मध्यप्रदेश गौरवशाली प्रदेश है। मध्यप्रदेश सरकार ने भारतीय समाज के इन दोनों प्रमुख आराध्यों की प्रदेश से जुड़ी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उन स्थानों के विकास का निर्णय लिया है, जहां इन आराध्यों के चरण पड़े। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व एवं मध्यप्रदेश में शिक्षा प्राप्ति से जुड़े विभिन्न पक्षों पर शोध को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मुख्यमंत्री निवास परिसर में जन्माष्टमी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता प्रेरणा देती है। मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश आने के साथ ही जगत गुरू के रूप में स्थापित होना ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन्माष्टमी कार्यक्रम में पधारे जनप्रतिनिधियों, विशिष्टजन और नागरिकों का हृदय से स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण और पूजन से हुआ।
खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धर्म और आध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक बरसाना गांव विकसित कर गौ-पालन, जैविक खेती को बढ़ावा देने और ग्राम में मानवता, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जन-जागरण की गतिविधियों से आदर्श समाज बनाने की पहल की जा रही है। इसके साथ ही नगरों में बुजुर्गों की सेवा और उनके लिए अध्ययन की व्यवस्था के उद्देश्य से गीता भवन बनाने की कल्पना को भी साकार किया जाएगा। प्रदेश में भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े स्थानों को विकसित करने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में अनेक स्थानों पर श्रीकृष्ण पर्व सम्पन्न हुए। श्रीकृष्ण मंदिरों की स्वच्छता और सुंदरता से कार्यक्रमों के आयोजन अनूठे बने। आम नगारिकों ने कार्यक्रमों में उत्साह से भागीदारी की।