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1 वर्ष पुराने मामले में आधारशिला संस्थान प्रमुख डॉ अजय लाल पर दर्ज हुआ मानव तस्करी का मामला, गिरफ्तारी के पूर्व ही हुए फरार

गिरफ्तारी को लेकर पूरी रात चलता रहा हाई वोल्टेज ड्रामा,  परिजन और पुलिस के बीच भी देखने को मिली गहमा गहमी

दमोह। मंगलवार को पूरे दिन चली खींचतान और पुलिस कार्यवाही के बीच मंगलवार रात को ही पुलिस ने मिशनरी संस्था आधारशिला संस्थान प्रमुख डॉ अजय लाल पर देहात थाना में मानव तस्करी से जुड़ी आईपीसी की धारा 370 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामला दर्ज करने के उपरांत गिरफ्तारी के लिए तैयार पुलिस टीम की कार्यवाही के पूर्व ही आरोपी डॉ अजय लाल चकमा देकर अपने घर से फरार हो गए।  इसी दौरान अपने घर को छोड़कर अन्य स्थान के लिए रवाना हुए उनके परिजनों को पुलिस ने हालातों को समझते हुए रास्ते में ही रोक लिया जिसके चलते पुलिस और परिजनों के बीच गहमा गहमी और आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पुलिस की टीम लगातार मामले से जुड़े आरोपी को तलाश करने का प्रयास कर रही है लेकिन फिलहाल उसे कोई भी सफलता नहीं मिल सकी है।

ऐसे चला घटनाक्रम

मामले का घटनाक्रम मंगलवार दोपहर शुरू हुआ जब देहात थाना के ग्राम  मारुताल स्तिथ आधारशिला संस्थान परिसर में एसडीएम, नगर पुलिस अधीक्षक, सहित महिला बाल विकास और कोतवाली व देहात थाना प्रभारी अचानक अपने अमले के साथ पहुंचे। टीम करीब 4 घंटे तक परिसर में अपनी कार्यवाही करती रही लेकिन कार्यवाही और मामले के संबंध में कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई। इस दौरान सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई की करीब एक वर्ष पूर्व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानून गो के निरीक्षण में सामने आई कमियां और आरोपों को लेकर पुलिस को नियमानुसार कार्यवाही करनी है जिसे लेकर उक्त जांच की जा रही है और आधारशिला संस्थान प्रमुख डॉ अजय लाल से मामले से जुड़ी जानकारियां और दस्तावेज भी मांगे जा रहे हैं। 

आरोपी के घर में तैनात की गई पुलिस 

पुलिस की जांच और कार्यवाही के दौरान आरोपी  ने पुलिस से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 24 घंटे का समय मांगा जिस पर पुलिस ने उन्हें बुधवार सुबह 9:00 बजे तक अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय दिया था। इस दौरान पुलिस ने आरोपी को उनके निवास पर ही रहने की ही हिदायत देते हुए उनके आम चोपरा क्षेत्र स्थित उनके निवास पर भी अपना पहरा लगा दिया। 

रात में दर्ज हो गई एफआईआर 

आरोपी के अपने घर में रहने और पुलिस की तैनाती के बीच पुलिस ने भी अपनी कार्यवाही जारी रखी और सामने आए तथ्यों के आधार पर पुलिस ने देहात थाना में अजय लाल पर आईपीसी की धारा 370 के तहत मामला दर्ज कर दिया और आरोपी को गिरफ्तार करने की तैयारी भी शुरू कर दी। इस दौरान आरोपी और उसके परिजन पुलिस के लगातार संपर्क में थे और गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए डॉ अजय लाल के निवास पर उनके समाज उनके कर्मचारियों सहित उनसे जुड़े लोगों की उपस्तिथि शुरू हो गई। हालातों को देखते हुए और अप्रिय स्तिथि या विरोध की आशंका के चलते पुलिस भी हालातो को बेहतर ढंग से संभालने के लिए अपनी योजना बनाने लगी और जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र के प्रभारी और पुलिस बल को भी मौके पर बुला लिया गया।

घर से गायब हो गया आरोपी

बताया जा रहा है कि मामला दर्ज होने और गिरफ्तारी के कार्यवाही के बीच रात करीब 10:00 बजे तक आरोपी पुलिस के संपर्क में था और इस दौरान वह दवा की सेवन और आराम करने का हवाला देकर अपने कमरे में चला गया और उसके बाद पुलिस को आरोपी की कोई भी जानकारी नहीं मिली। इस दौरान यह भी आरोप सामने आने लगे की आरोपियों के परिजन पुलिस को सहयोग भी नहीं कर रहे हैं लेकिन फिर भी परिसर में पुलिस की पर्याप्त तैनाती थी और मुख्य द्वारों को भी बंद रखा गया था आरोपी से जुड़े लोगों का परिसर में आना-जाना लगातार जारी था। 

अचानक निकले परिवार के लोग 

आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जहां एक ओर पुलिस अपनी कार्यवाही को दिशा दे रही थी इस दौरान रात 1 बजकर 40 मिनिट पर परिसर से दो काले रंग की गाड़ियां तेजी से निकली और जबलपुर की ओर रवाना हो गई। इसे देखकर परिसर के बाहर तैनात पुलिस की टीम तेजी से गाड़ियों का पीछा करते हुए उन गाड़ियों के पीछे भाग और पुलिस टीम के द्वारा मारूताल टोल टैक्स के आगे दोनों वाहनों को रोक लिया। जिस दौरान पुलिस और मीडिया का सारा ध्यान उन दो कारों पर था इस दौरान कुछ अन्य कार्य भी परिसर से निकली और दूसरी दिशा की ओर रवाना हो गई। पुलिस द्वारा टोल नाके के समीप रोकी गई कारों में आरोपी की पत्नी,उनका बेटा, उनकी बेटी दामाद सहित कुछ अन्य लोग सवार थे जिन्हें रोके जाने के बाद उनके और पुलिस के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होने लगी। जहां परिवार के लोग अपने विदेशी नागरिक होने, पुलिस द्वारा जबरन परेशान किए जाने और नियम विरोध तरीके से उन्हें रोके जाने का हवाला दे रहे थे वहीं दूसरी ओर एएसपी संदीप मिश्रा और सीएसपी अभिषेक तिवारी उनसे आरोपी की जानकारी दिए जाने की मांग कर रहे थे। काफी देर तक चलते इस विवाद में पुलिस और परिजन टोल नाके से हटकर मारूताल स्थित आधारशिला संस्थान परिसर में आ गए और आरोपी के परिजनों ने मौके पर अपने अधिवक्ता सहित अन्य समर्थकों को भी बुला लिया और पुलिस अधिकारियों को नियमों का हवाला देकर फोन पर बात कराई जाने लगी। बिगड़ते हालातो की सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी वहां पहुंचे और उनके द्वारा परिजनों को पुलिस कार्रवाई में सहयोग करने की अपील करते हुए वह अपनी टीम के साथ आरोपी का पता लगाने के लिए एक बार फिर आरोपी के निवास की ओर रवाना हो गए। जहां पर करीब 1 घंटे लगातार तलाश किए जाने के बाद पुलिस को निराशा हाथ लगी। इसके बाद यह मानते हुए की आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है पुलिस ने आगामी कार्यवाही के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी। दूसरी ओर पुलिस ने आरोपी के परिवार जनों को पुलिस कार्रवाई में सहयोग करने और फिलहाल देश छोड़कर वापस न जाने संबंधी नोटिस जारी किया है और उनसे मामले में सहयोग किया जाने की अपेक्षा की गई है। दूसरी ओर आरोपी के विदेश भागने की संभावना को देखते हुए पुलिस द्वारा लॉग आउट नोटिस भी जारी किया जा रहा है।

इनका कहना है

मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी करने पहुंची पुलिस को आरोपी की कोई भी जानकारी नहीं मिली है और ना ही परिजन इस संबंध में जानकारी दे रहे हैं l जिससे यह माना जा रहा है कि आरोपी अब फरार हो चुका है। 

अभिषेक तिवारी, सीएसपी दमोह

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