भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश के पश्चिमी अंचल में दुग्ध उत्पादन भरपूर है। इसके मुकाबले सघन वन वाले पूर्व क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन के प्रयासों को बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के जिलों में रहने वाले जनजातीय समाज द्वारा वर्षों से पशुपालन और दुग्ध उत्पादन किया जाता रहा है। इसमें वृद्धि न होना चिंतनीय और अध्ययन का विषय है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड प्रदेश में दुग्ध उत्पादन, पशुधन सुधार, चारा क्षेत्र को बढ़ाने और दुग्ध व्यवसाय से लोगों को आर्थिक उन्नयन कर उनकी जिंदगी बदलने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग एवं मार्गदर्शन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन, दुग्ध एकत्रीकरण और सांची दुग्ध संघ की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में दुग्ध उत्पादन एवं एकत्रीकरण तथा साँची दुग्ध संघ की गतिविधियों को बढ़ाने संबंधी कार्य योजना पर चर्चा की। बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने बोर्ड की अखिल भारतीय स्तर पर संचालित गतिविधियों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष श्री मीनेश शाह और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मध्य एनडीडीबी के साथ परामर्श और सहयोग के उद्देश्य से एक त्रिपक्षीय करारनामे पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री गुलशन बामरा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज डॉ. मीनेश शाह से मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर विभिन्न उपायों से किसानों और पशुपालकों के आर्थिक उन्नयन के माध्यम से उनकी जिंदगी बदलने के संबंध में विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बोर्ड के सहयोग और मार्गदर्शन से इस क्षेत्र में निश्चित ही महत्वपूर्ण कार्य होंगे।