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प्रदेश के ग्रामों को पूरे देश में आदर्श बनाने के लिए अभिनव प्रयासों को करें विस्तारित: उप-मुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल।  उप-मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में "आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्यप्रदेश" की तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाना है तो पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है कि अमृतकाल में भारत को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनायेंगे। केंद्रीय बजट में ग्रामीण विकास के प्रावधान में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए सतत प्रावधान किए जा रहे हैं। आज सिंचाई के रक़बे में निरंतर वृद्धि हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जीवन मिशन के माध्यम से हर घर नल से जल पहुँचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, ग्रामीण सड़क योजना, आजीविका मिशन आदि के माध्यम से ग्रामीण जीवन को सहज और सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं का उचित लाभ सुनिश्चित करने और हर पात्र को लाभान्वित करने के लिए मैदानी अमले का प्रशिक्षित होना, आपसी समन्वय होना आवश्यक है। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि संकल्प और समर्पण से ग्रामीण विकास का नया अध्याय लिख सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त करने के प्रयास किए जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में सामुदायिक केंद्रों में ज़िला चिकित्सालय स्तर की सुविधाएँ प्राप्त होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दृढ़ इच्छाशक्ति से ग्रामीण सेवाओं को सशक्त करने के लिए समस्त आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी है, बिजली है, पानी है। आज हम तेज़ गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। हमें अपनी क्षमता का उन्नयन कर दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रयास करने होंगे। हमें नवाचारों को, अभिनव प्रयासों को पूरे प्रदेश में विस्तारित करना होगा, ताकि मध्यप्रदेश का ग्रामीण विकास पूरे देश में मॉडल बनें। उप-मुख्यमंत्री श्रीं शुक्ल ने "आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्यप्रदेश" संगोष्ठी में त्रि-स्तरीय पंचायत के सदस्यों और विशेषज्ञों की सहभागिता, उत्कृष्ट प्रयासों के साझाकरण के अभिनव प्रयास की सराहना की और सफलता की शुभकामनाएँ दीं।

उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने रीवा ज़िले में गौ-वंश संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने गौ-शाला को आत्मनिर्भर एवं रोज़गारों के सृजन का केंद्र बनाने के प्रयासों को साझा किया। साथ ही गौ-शालाओं से संबंधित शासकीय योजनाओं में प्रावधानों को सशक्त बनाने के लिए अनुभव आधारित सुझाव दिये। संगोष्ठी में गौ-वंश संरक्षण के लिए बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार रीवा की संकल्पना, व्यवस्था और कार्यान्वयन पर आधारित फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया।

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