काम के अत्यधिक दबाव के चलते बीमार हो रहे पटवारी
भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी वर्तमान समय में काम के अत्यधिक बोझ में दबे हुए है, जिसके चलते दुर्घटनाओं का शिकार तो हो ही रहे हैं वहीं दूसरी ओर मानसिक दबाव और तनाव के कारण ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और ह्रदय की बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। ताजा मामले में इंदौर जिले के एक एसडीएम के द्वारा दिए जा रहे मानसिक तनाव और दबाव के कारण एक पटवारी को बीती रात हार्ट अटैक आ गया जिसे आइसीयू में रखा गया है। जिसके चलते पटवारियों में अत्यधिक रोष बना हुआ है।
MP के इंदौर जिले की मल्हारगंज तहसील के एक पटवारी को दोपहर में एसडीएम द्वारा शोकाज नोटिस दिया गया जिसमें गैर विभागीय कार्य ओर चुनाव आचार संहिता के कारण स्थगित हो चुके राजस्व महाभियान को लेकर दबाव बनाने के चलते बीती रात अचानक हार्टअटैक आ जाने के कारण गंभीर रूप में आइसीयू में भर्ती किया गया है । उक्त पटवारी प्रदीप चौहान है जो कि तहसील मल्हारगंज जिला इंदौर में पदस्थ है पटवारी संघ का तहसील अध्यक्ष भी है । Sdm ओम नारायण बडकुम द्वारा कारण बताओ नोटिस दिये जाने से पटवारी मानसिक तनाव में आ गया ओर रात 11.00 लगभग हार्ट अटैक आ गया जिसे यूनिक हॉस्पिटल अन्नपूर्णा रोड़ इंदौर ले जाया गया जहां डाक्टर ने इंजोग्राफी कर icu में भर्ती किया है। उक्त घटनाक्रम को लेकर कई तरह की चर्चाये जोरो पर है की पटवारी पर अपने अधिकारियो का दबाव काम को लेकर काफी था ओर आज ही उसे एक नोटिस भी एसडीएम द्वारा भेजा गया था जिसके बाद ही उसे कोई सदमा लगा हो ओर उसे हार्ट अटैक आ गया ।
वैसे देखा जाये तो इस समय जब चुनावी समर में कई योजनाओ के क्रियान्वन को लेकर दबाव ऊपर से नीचे तक सभी शासकीय लोगो पर है,पर क्या इतना दबाव भी हो सकता है किसी पर की उसकी सदमे में जान पर बन आये,जी हां फिलहाल जो मामला मल्हारगंज के पटवारी प्रदीप चौहान के अचानक हार्ट अटैक का सामने आया है उससे तो ऐसा ही लगता है की कुछ ज्यादा ही तनाव निचले कर्मचारियों पर कामकाज का बना हुआ है।
अब ये एक बड़ा सवाल है की क्या इस नोटिस के कारण ही पटवारी को इतना बड़ा सदमा लगा की उसे हार्ट अटैक आ गया तो इसका जिम्मेदार कौन है? क्या संबंधित अधिकारी जो सत्ता पक्ष की गैर विभागीय योजना को पूरा करवा कर अपने आप को गुड बुक में लाना चाहते है पर कार्यवाही होगी? चर्चा इस बात की भी पटवारियों के बीच है कि जिस कार्य के लिए नोटिस भेजा गया उसके आलावा भी कई काम शासन की महत्वपूर्ण योजनाए चल रही है ये ही नहीं लोकसभा निर्वाचन कार्य भी चल रहा है जिन्हे भी देखना आवश्यक है,ऐसे में इतना दबाव क्यों अधिकारियो द्वारा कर्मचारियों पर बनाया जा रहा है। मामले को लेकर पटवारियों में अत्यधिक गुस्सा है और हो सकता है कि पटवारी उक्त मामले को लेकरअपना विरोध दर्ज करवाएंगे।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शासन द्वारा विगत 6 माह से विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले इन अभियानों में रिकॉर्ड शुद्धिकरण राजस्व महाभियान, फसल गिरदावरी, लोक सेवा गारंटी के तहत प्राप्त आवेदनों का निराकरण, सीएम हेल्पलाइन, किसान सम्मान निधि सत्यापन, एल आर लिंकिंग के साथ ही विभागीय कार्य समय सीमा में किए जाने का प्रदेश के पटवारियों पर अत्यधिक दबाव है। उक्त अभियानों में जिलों की रैंकिंग कर अभियान समयावधि में पूरा किए जाने का अत्यधिक दबाव अधिकारियों और कर्मचारियों पर बनाया जा रहा है, जिसमें मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पटवारियों पर कार्य का लगातार दबाव बना हुआ है जिसके चलते पटवारी बीमारियों से ग्रसित हो रहे है और इस तरह की घटना घटित हो रही है।