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चुनाव आयोग पर सवाल उठना टीएमसी की बौखलाहट : सुकांत मजूमदार

कोलकाता: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सिलीगुड़ी विधायक शंकर घोष के घर पहुंचे। विधायक की मां पारुल घोष का 17 मार्च को निधन हो गया था। खबर मिलने पर सुकान्त मंगलवार को विधायक से मिलने उनके घर पहुंचे। उनके साथ जलपाईगुड़ी के सांसद डॉ. जयंत रॉय, डाबग्राम -फुलबाड़ी विधायक शिखा चट्टोपाध्याय और अन्य लोग थे। इस दिन सुकांत मजूमदार ने विधायक की दिवंगत मां को श्रद्धांजलि दी। बाद में वह मीडिया से मुखातिब हुए और कई मुद्दों पर राज्य सरकार की आलोचना की।

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने चुनाव आयोग की ईमानदारी पर सवाल उठाने वाले सूबे के सत्ताधारी तृणमूल नेताओं पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि यह एकदम स्पष्ट है कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हिसाब से काम नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चुनाव कराने की मांग करने वाले तृणमूल नेता डेरेक ओ’ब्रायन पर निशाना साधते हुए सुकांत मजूमदार ने बेहद तल्ख अंदाज में कहा, “डेरेक ओ’ब्रायन, उनकी पार्टी और ममता बनर्जी एक नया संविधान बनाना चाहती हैं तो क्या करें, ममता बनर्जी को एक नया संविधान लिखने दें। भाजपा नेता ने कहा, “देश में चुनाव कराने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी को नहीं चुनाव आयोग को दी गई है। बंगाल की सरकारी मशीनरी भी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशन में काम करेगा न की जो ममता बनर्जी कहेंगी, वो करेगी। दरअसल तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लोकसभा चुनाव की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि बीजेपी की चालें चुनाव आयोग को नष्ट कर रही हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा की गंदी चालें चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को नष्ट कर रही हैं। क्या भाजपा लोगों का सामना करने से इतनी घबरा गई है कि वह विपक्ष को निशाना बनाने के लिए चुनाव आयोग को पार्टी कार्यालय में बदल रही है? हम सुप्रीम कोर्ट से चाहते हैं कि निर्वाचित राज्य सरकारों के अधिकारियों का स्थानांतरण स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए के लिए उनकी निगरानी में हो।” इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी चुनाव आयोग द्वारा बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को बदलने के फैसले के बाद केंद्र सरकार की बेहद कड़ी आलोचना की थी।।उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि भाजपा चुनाव आयोग समेत विभिन्न केंद्रीय संगठनों को हथियाने की पूरी कोशिश कर रही है। भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों और विभिन्न संगठनों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इस मामले में भी लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद हमने आज जो देखा है, वो भाजपा को प्रतिबिंब करता है। भाजपा चुनाव आयोग सहित इस प्रकार के संगठनों के कामकाज पर पकड़ बनाने और निगरानी करने की पूरी कोशिश कर रही है।मालूम हो कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार के स्थान पर आईपीएस अधिकारी विवेक सहाय को नियुक्त करने के बाद तृणमूल कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है। हालांकि, दूसरी ओर भाजपा ने भी तृणमूल शासन पर आरोप लगाया कि राज्य में संदेशखाली हिंसा के बाद डीजीपी तृणमूल कैडर की तरह काम कर रहे थे, इसलिए आयोग द्वारा उन्हें हटाया गया है। भाजपा के राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, “डीजीपी राजीव कुमार को हटाया जाना चाहिए था, ये वही राजीव कुमार हैं जिनके खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी और उन्हें गिरफ्तार करने गई थी, वो उस वक्त सीपी थे और गायब हो गए थे। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ ममता बनर्जी ने क डीजीपी से ज्यादा तृणमूल कैडर की तरह विरोध किया था। पश्चिम बंगाल में बहुत सारे राजीव कुमार हैं, जिन्हें ममता बनर्जी ने पेरोल पर रखा है। 


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