ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एमए के छात्र के साथ अजीब तरह का फ्रॉड हुआ है। आयकर विभाग के नोटिस मिलने के बाद छात्र को इसकी जानकारी लगी। आयकर के नोटिस में उससे 46 करोड़ के लेन-देन का हिसाब मांगा गया है। अब बेरोजगार छात्र दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है। आयकर अफसरों ने उस पर आयकर और चोरी करने का आरोप लगाया है जबकि उसकी समझ ही नही आ रहा कि उसके नाम पर यह कारोबार कौन कर रहा है। छात्र ने एसपी ऑफिस में भी इस फ्रॉड की शिकायत की है।
हस्तिनापुर का रहने वाला प्रमोद दंडोतिया जीवाजी विश्वविद्यालय से एमए अंग्रेजी की पढ़ाई कर रहा है। उसका कहना है कि वह अपनी फीस आदि जमा करने के लिए कई बार पैन कार्ड का इस्तेमाल कर चुका है। छात्र ने आशंका जताई है कि किसी ने उसके पैन कार्ड की कॉपी कर उससे गलत तरीक़े से कोई फर्म बना ली और उसके आधार पर जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराया है। यह फर्में दिल्ली और पुणे में कार्यरत बताई गई हैं।
इस मामले में एक बात यह भी खास है कि तीन सालों के दौरान छात्र के पास न तो उसके अकाउंट में न कोई पैसा आया न ही गया है। बहुत सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाला प्रमोद दंडोतिया करोड़ों के लेनदेन में अपने नाम का इनकम टैक्स का नोटिस मिलते ही भौंचक्का रह गया है। छात्र के पास 27 जनवरी को पहली बार इनकम टैक्स का नोटिस आया था। इसके बाद वह इनकम टैक्स, जीएसटी डिपार्टमेंट कलेक्टर और पुलिस के आला अधिकारियों से मिल चुका है लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की है।
यह छात्र शुक्रवार को भी क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी सियाज के एम के पास पहुंचा और अपने साथ हुई घटना के बारे में उन्हें बताया। छात्र को पुलिस ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने को कहा है। वहीं आयकर विभाग के अफसर ने छात्रा को पुलिस के पास जाकर अपने साथ हुए फ्रॉड की प्राथमिकी दर्ज करा कर उसकी प्रति डिपार्टमेंट में जमा कराने को कहा है।