टीम के आने से पहले तक अस्पताल में चलता रहा सफाई और आवारा मवेशियों को हटाने का काम…
उज्जैन। चरक और जिला चिकित्सालय में मरीजों को मिलने वाली सुविधा, सुरक्षा और सफाई व्यवस्था की जांच करने आज नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेण्डर्ड की दो सदस्यीय टीम पहुंची। जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन की सुबह 10 बजे तक वार्डों से लेकर परिसर तक सफाई और आवारा मवेशियों को हटाने की कार्रवाई चलती रही।
सामान्य दिनों से आज जिला चिकित्सालय और चरक अस्पताल का नजारा बदला था। सफाईकर्मी वार्डों के कौने-कौने में झाडू पोंछा लगा रहे थे तो कुछ कर्मचारी परिसर में घूमने वाले गाय और श्वान को बाहर करने का प्रयास कर रहे थे। अपने-अपने ड्रेस कोड में अस्पताल के कर्मचारियों के बीच एक ही चर्चा थी एनक्यूएस की टीम आ रही है किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो जाए सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद रखना है।
हालांकि टीम को दिखाने के लिये की जा रही विशेष व्यवस्थाओं की पोल मीडिया के सामने उस वक्त खुल गई जब जिला अस्पताल भवन के सामने का हिस्सा तो स्वच्छ नजर आ रहा था जबकि साइड और पीछे के हिस्से की खिड़की से लेकर दीवारें पाउच, गुटखा थूंकने पर लाल होने पर सफाई नहीं की गई थी। अस्पताल के पिछले हिस्से में कचरे और डिस्पोजल, प्लास्टिक की बाटलें पड़ी थीं। कर्मचारियों का अनुमान था कि एनक्यूएस की टीम को अफसरों द्वारा अस्पताल के परिसर और वार्डों का भ्रमण कराया जायेगा इस कारण पिछले हिस्से में सफाई की आवश्यकता नहीं है।
चरक अस्पताल में टीम के सामने प्रजेंटेशन
एनक्यूएएस की टीम में डॉ. संदीप शर्मा भोपाल और डॉ. श्रीमती स्नेहल वर्मा देवास से रात को ही उज्जैन पहुंच चुके थे। उक्त लोग सुबह सबसे पहले चरक अस्पताल पहुंचे जहां अफसरों द्वारा टीम के सामने जिला अस्पताल व चरक अस्पताल के संबंध में प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। टीम के सदस्य इसके बाद निरीक्षण के लिए अस्पताल भ्रमण पर निकले।
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड की टीम द्वारा अस्पताल की व्यवस्थाओं, स्टाफ से पूछे जाने वाले पश्नों के उत्तरों और प्रबंधन, मरीजों को दिये जाने वाले उपचार, सफाई व सुरक्षा सहित अनेक मापदंडों का आंकलन किया जाता है। टीम द्वारा इसके अंक भी दिये जाते हैं। अच्छे अंक मिलने पर शासन द्वारा अस्पताल प्रबंधन को लाखों रुपयों की राशि भी गुणवत्ता बनाये रखने के लिए दिए जाते हैं।