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कला समूह के दो दिवसीय रंगारंग आयोजन का समापन

भोपाल। कला समूह द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगीत समारोह "लिनियेज" के दूसरे और अंतिम दिन श्रोताओं के लिए यादगार बन गया जब भोपाल के ही विख्यात तबला वादक पंडित किरण देशपांडे के सुयोग्य शिष्य डॉ. अशेष उपाध्याय ने तबले पर तीन ताल की प्रस्तुति दी. तबले पर थिरकती उनकी उंगलियां जबरदस्त तैयारी और घरानेदार तबलानवाज़ी के दर्शन करा रहे थे. आपने तीन ताल में पेशकार कायदे रेले टुकड़े, परन एवं द्रुत तीन ताल में गतें प्रस्तुत की और श्रोताओं की वाहवाही लूटी. आपके साथ  हारमोनियम पर युवा कलाकर मुनि मालवीय ने लहरा दिया. कार्यक्रम की दूसरे कलाकार थे दिल्ली से पधारे भागलपुर मिश्रा घराने के विख्यात वायोलीन वादक पंडित (डॉ) संतोष नाहर. डॉ नाहर ने सुमधुर  राग बिहाग से अपने कार्यक्रम का आगाज किया।

पंच तंत्री वायोलीन पर डॉ नाहर ने राग बिहाग में आलाप के बाद विलंबित गत एक ताल और द्रुत गत तीन ताल में प्रस्तुति दी जिसमें डॉ नाहर ने क्रमानुसार राग की बढ़त ,मधुरता के साथ राग,  स्वर विस्तार, आलंकारिक ताने, ग़मक की प्रस्तुति के साथ साथ द्रुत गत में सपाट तान,  झाला में तबला के साथ  सवाल जवाब की जुगलबंदी को श्रोताओं ने काफी सराहा, आपके वादन में तंत्र अंग के साथ गायकी अंग वादन सुनने को मिला. पंडित संतोष नाहर ने अपने वादन का समापन राजस्थान के प्रसिद्ध गायकी बीकानेर के मांड केसरिया बालम पधारो  से किया. आपके साथ तबले पर संगत की भोपाल के ही रामेन्द्र सिंह ने. कार्यक्रम का संचालन किया आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक डॉ. अरविन्द सोनी ने. अतिथियों में शामिल रहे स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविध्यालय दो दिवसीय संगीत समारोह के कला समूह द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगीत समारोह "लिनियेज" के दूसरे और अंतिम दिन श्रोताओं के लिए यादगार बन गया जब भोपाल के ही विख्यात तबला वादक वन्दित किरण देशपांडे के सुयोग्य शिष्य डॉ. अशेष उपाध्याय ने तबले पर तीन ताल की प्रस्तुति दी. तबले पर थिरकती उनकी उंगलियां जबरदस्त तैयारी और घरानेदार तबलानवाज़ी के दर्शन करा रहे थे. आपने तीन ताल में कायदा, चक्करदार परन की झलक दिखाई और श्रोताओं की वाहवाही लूटी. आपके साथ  हारमोनियम पर युवा कलाकर मुनि मालवीय ने लहरा दिया. कार्यक्रम की दूसरे कलाकार थे दिल्ली से पधारे भागलपुर मिश्रा घराने के विख्यात वायोलीन वादक पंडित (डॉ) संतोष नाहर.   डॉ नाहर ने सुमधुर  राग बिहाग से अपने कार्यक्रम का आगाज किया।

पंच तंत्री वायोलीन पर डॉ नाहर ने राग बिहाग में आलाप के बाद विलंबित गत एक ताल और द्रुत गत तीन ताल में प्रस्तुति दी जिसमें डॉ नाहर ने क्रमानुसार राग की बढ़त ,मधुरता के साथ राग,  स्वर विस्तार, आलंकारिक ताने, ग़मक की प्रस्तुति के साथ साथ द्रुत गत में सपाट तान,  झाला में तबला के साथ  सवाल जवाब की जुगलबंदी को श्रोताओं ने काफी सराहा, आपके वादन में तंत्र अंग के साथ गायकी अंग वादन सुनने को मिला। 

पंडित संतोष नाहर ने अपने वादन का समापन राजस्थान के प्रसिद्ध गायकी बीकानेर के मांड केसरिया बालम पधारो  से किया. आपके साथ तबले पर संगत की भोपाल के ही रामेन्द्र सिंह ने. कार्यक्रम का संचालन किया आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक डॉ. अरविन्द सोनी ने. दो दिवसीय संगीत समारोह के समापन पर आभार व्यक्त करते हुए कला समूह के अध्यक्ष राजेश भट ने बताया की कला समूह की कार्यक्रमों की ये श्रखला  जारी रहेगी और इसी क्रम में अगला आयोजन जून माह में विदुषी वीणा सहस्त्रबुद्धे स्मृति संगीत समारोह होगा।


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