भोपाल । हरदा हादसे के बाद जब्त पटाखों को नष्ट करने के लिये कोई वैज्ञानिक तरीका अपनाने की जगह उन्हें नहर में बहा दिया गया।जिस नहर में ये पटाखे बहाए गए उसका पानी रबी सीजन की फसलों की सिंचाई के लिये हो रहा है।यानी पहले लोग विस्फोट और आग से मरे, अब उन्हें प्रदूषित पानी से मारा जा रहा है। विधायक आरके दोगने ने जब तहसीलदार और एसडीएम से इस मामले में चर्चा की तो उन्होंने साफ इंकार किया कि किसी ने बम पानी में बहाने के लिए नही कहा।
हरदा जिले के बैरागढ़ क्षेत्र में हुए अवैध पटाखा फैक्टरी में भीषण ब्लास्ट के बाद से घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे ही एक वीडियो में एक कचरा वाहन सुतली बम भरकर नहर में फेंकते हुए दिखाई दे रहा है। यह नहर सिराली नगर पंचायत क्षेत्र की बताई जा रही है। इस विस्फोटक सामग्री को स्थानीय तहसीलदार के कहने पर दो कर्मचारियों के द्वारा यहां तक फेंकना के लिए लाया जाना बताया जा रहा है।
जिम्मेदारों की लापरवाही से हरदा जिले के सिराली क्षेत्र की दो हजार हेक्टेयर की फसल में दूषित पानी से सिंचाई का खतरा (Harda Blast Impact) मंडरा रहा है। पटाखे में उपयोग होने वाले केमिकल से फसलों पर प्रभाव पड़ेगा।
सिराली, दीपगांव, बाबड़िया, महेन्द्र गांव, चौकड़ी, धूलिआ सहित एक दर्जन गांव की हजारों एकड़ फसल प्रभावित हो सकती है।
पटाखा बनाने के लिए जिस पाउडर का इस्तेमाल होता है, उसमें पोटेशियम परक्लोरेट, बेरियम नाइट्रेट, पर्लाइट पाउडर, मैग्नीशियम एलुमिनियम मिक्चर, एलुमिनियम पाउडर, टाइटेनियम पाउडर, ब्रिम स्टोन, कैल्शियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट, बेरियम क्लोराइड, कॉपर क्लोराइड इत्यादि शामिल हैं।
इनमें से कई केमिकल पानी में पूरी तरह से घुलनशील होते हैं। जो पानी में पूरी तरह से घुलकर (Harda Blast Impact) खेतों तक पहुंच जाएंगे।पटाखे के बारूद बनाने में इस्तेमाल होने केमिकल बेहद हानिकारक होते हैं। यदि ये किसी भी माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचते हैं तो इनसे कैंसर, किडनी और पेट रोग संबंधी घातक बीमारियां हो सकती है।
नहर का पानी खेतों में जाकर फसलों की प्यास बुझाएगा। जिस इलाके का यह मामला है वहां रबी सीजन में अधिकांश क्षेत्र में गेहूं और चने की खेती होती है। यह गेहूं और चना आपकी और हमारी थाली में ही पहुंचेगा।
आमासेल गांव के रहने वाले सोनू उपाध्याय ने एक वीडियो बनाकर इस पूरे मामले का खुलासा किया था।
वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स सोनू बता रहा है कि जब विस्फोटक सामग्री लाने वाले व्यक्तियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि तहसीलदार साहब ने इन्हें फेंकने के लिए कहा था। मैंने तहसीलदार को फोन लगाया तो उन्होंने कहा- हां मैंने उन्हें भेजा है, लेकिन नहर में फेंकने के लिए नहीं कहा था। वीडियो बना रहा व्यक्ति यह भी बता रहा है कि करीब 8-10 क्विंटल बम बारूद नहर में फेंका गया है। कचरा गाड़ी से सुतली बम फेंकने आए दोनों कर्मचारी गाड़ी छोड़कर भाग गए।
यह सवाल हो रहे खड़े
- प्रशासन ने बड़ी मात्रा में पटाखे तो जब्त किये, लेकिन इसे किस वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने की योजना है।
- प्रशासन की यदि कोई प्लानिंग नहीं है तो क्या इन्हें पानी या जमीन में गड़ाने की योजना है।
- ऐसा करने पर क्या ये पानी या स्वाइल को प्रदूषित नहीं करेंगे।
- नहर में पटाखे छोड़ने के बाद यही पानी फसलों में पहुंचेगा, तो क्या इससे फसल प्रदूषित नहीं होगी।
- एक लापरवाही ने लोगों के स्वास्थ पर सवाल खड़े कर दिये हैं, क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।