भोपाल। लोक निर्माण से लोक कल्याण के संकल्प के साथ कार्य कर मध्यप्रदेश को अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। कार्यों के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाई जाये कार्यों की गुणवत्ता के लिए मॉनिटरिंग की विशेष व्यवस्था के साथ क्वालिटी ऑडिट किया जाए। बड़ी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए पृथक सैल गठित किया जाये। योजनाएं विधानसभावार बनाई जाए इसके लिए विषय विशेषज्ञों की राय भी ली जाए। कार्यों में पारदर्शिता हो और जनता को इनकी पूरी जानकारी हो। लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने मंत्रालय वल्लभ भवन में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ले रहे थे। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अविनाश लवानिया और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिए के विभागीय कार्यों में नई तकनीकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। बताया गया कि विभाग द्वारा नई तकनीक एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमिनेशन) तकनीकी से सड़क निर्माण कराए जाने की योजना है, जिसके अंतर्गत मौजूदा रोड को बिना हटाए उसके ऊपर ही मशीनों के द्वारा रिक्लेमिनेशन सामग्री का उपयोग कर रोड निर्माण किया जाता है। इसमें समय की बचत के साथ ही साथ निर्माण लागत में 15 से 30 प्रतिशत तक की कमी आती है। मंत्री श्री सिंह ने एफडीआर तकनीक का उपयोग शहरी मार्गों पर करने पर विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक तौर पर माइक्रोसर्फेसिंग एवं व्हाईट टॉपिंग के लिये जबलपुर एवं भोपाल में कुछ मार्गों का चयन किया जा सकता है। नवीन तकनीकों से किये जा रहे कार्यों के मूल्यांकन के लिये एक दल का गठन किया जा रहा है।