भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल से गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली में राष्ट्रीय सेवा योजना के परेड दल में सहभागिता करने वाले राष्ट्रीय सेवा योजना के पदाधिकारियों और स्वयं सेवकों ने राजभवन में सौजन्य भेंट की। राज्यपाल को गणतंत्र दिवस के प्रसंग में नई दिल्ली में आयोजित एक माह के शिविर में प्रतिभागिता के अनुभवों का विवरण दिया। शिविर के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं में प्राप्त पुरस्कारों तथा प्रमाण पत्र की जानकारी और छाया चित्रों का अवलोकन कराया। कार्यक्रम में स्वयं सेवकों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर राज्यपाल श्री पटेल का अभिनंदन कर राष्ट्रीय सेवा योजना के पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला, उच्च शिक्षा आयुक्त श्री निशांत वरवड़े, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस. के. जैन, राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय के अधिकारी पदाधिकारी और स्वयं सेवक उपस्थित रहे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्र की राजधानी की गणतंत्र दिवस परेड में सहभागिता प्रेरणादायी उपलब्धि है। प्रतिभागी की सफलता उसके परिवार, समुदाय, क्षेत्र, प्रदेश सभी को आनन्द और जोश से भर देती है। प्रतिभागी भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते है। उन्होंने स्वयं सेवकों को बधाई देते हुए कहा कि वे स्वयं भी उनकी उपलब्धि से गर्व का अनुभव कर रहे है। गणतंत्र के सर्वोच्च पद पर विराजमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के समक्ष महिलाओं की परेड देश में हो रहे सुखद बदलावों का संकेत है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि शिविर में जो राष्ट्र के एकत्व की भावना का अनुभव स्वयं सेवकों को हुआ है। उसे समाज में फैलाना उनका दायित्व है। उनके कार्यों से राष्ट्र का नाम रोशन हो, इस भावना के साथ कार्य करना ही विकसित भारत बनाने का तरीका है। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा पर्यावरणीय, स्वास्थ्य तथा सामाजिक चुनौतियों और दायित्वों के प्रति जनजागृति के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कुदरत ने मानव को जितनी बौद्धिक शारीरिक शक्तियाँ दी है, उतनी किसी अन्य जीव को नहीं दी है। प्रकृति की मंशा है कि मानव अन्य जीवों के विकास में सहयोगी बने। मानव जीवन की सार्थकता इसी में है।