भोपाल। गाँव में विलुप्त हुए हुनर को फिर से बच्चों को सिखाएंगे। साथ ही स्व-रोजगार शुरू करने के लिये एक लाख का लोन और 15 हजार रूपये की किट भी देंगे। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 18 विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जायेगा। कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल ने यह बात पीएसएस केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (पीएसएससीआईवीई) भोपाल में “व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण में परिप्रेक्ष्य और प्रथाएं” पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी समापन पर कही। उन्होंने संस्थान में स्थापित कौशल विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा पर आधारित सेल्फी प्वाइंट और आईओटी बेस्ड इरिगेशन मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल सिस्टम का उद्घाटन किया। संगोष्ठी में देशभर से आए शोधार्थियों ने व्यावसायिक शिक्षा को लेकर अपने शोध प्रस्तुत किए।
राज्य मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश को "कौशल युक्त-बेरोजगार मुक्त" बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ देश व प्रदेशों में काम कर रहे व्यावसायिक संस्थान व शिक्षक मिलकर कार्य करेंगे तो हम निश्चित ही युवाओं को कौशलयुक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को जल्द पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मंशानुसार देश को "स्किल केपिटल ऑफ यूनिवर्स" बनाने के लिये पूरे मनोयोग से काम करेंगे।
राज्य मंत्री टेटवाल ने हाल ही में जारी आम बजट में कौशल, व्यावसायिक शिक्षा के लिए किए गए प्रावधानों के बारे में बताया तथा कहा कि मध्यप्रदेश में भी ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश में 22 नए आईटीआई बनाने की मंजूरी दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 8 से 10 हजार रुपए तक का स्टायपेंड दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2030 को लागू करने में मध्यप्रदेश अग्रणी है। स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से एक करोड़ 40 लाख लोगों स्किल बेस्ड ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। ग्लोबल स्किल्स पार्क में बेहतरीन तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। "ड्रोन दीदी योजना" में इस वर्ष पूरे देश में 15 हजार महिला स्व-सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराये जायेंगे।
ऑटोमोटिव सेक्टर स्किल काउंसिल और मानव संसाधन प्रमुख सुश्री गरिमा झांब ने ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल की भूमिका एवं जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजय कुमार भूषण ने कहा कि इण्डस्ट्री और एकेडमिया के बीच समन्वय होना चाहिए। इण्डस्ट्री की जरूरत के अनुसार ट्रेनिंग प्रोग्राम चलायें जायें। कार्यक्रम में पीएसएससीआईवीई के संयुक्त निदेशक डॉ. दीपक पालीवाल ने संगोष्ठी के उद्देश्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. सौरभ प्रकाश द्वारा संगोष्ठी के सत्रों के मुख्य अंशों की रिपोर्टिंग प्रस्तुत की।