Type Here to Get Search Results !

बेगमगंज में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के शिविर में 6 सौ. आवेदन आए

कुछ दिव्यांगों को बांटे प्रमाणपत्र

बेगमगंज। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दो सदस्यों की उपस्थिति में सेवा भारती मध्य भारत एवं प्रशासन के सहयोग से ब्लॉक प्रांगण में शिविर लगाया गया। 

बेगमगंज में एक दिवसीय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के शिविर का

जिसमें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव एवं श्रीमती मेघा पवार विशेष रूप से मौजूद रही । इसके अतिरिक्त एसडीएम सौरभ मिश्रा, तहसीलदार एसआर देशमुख , मुख्य नगर पालिका अधिकारी कृष्णकांत शर्मा ,पंचायत सीईओ आशीष जोशी  ,आजीविका मिशन के समन्वयक सुधीर सोनी , महिला एवं बाल विकास के डीपीओ दीपक संकत एवं ब्लॉक परियोजना अधिकारी रामकुमार सोनी , ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र श्रीवास्तव सहित सभी प्रमुख विभागों के प्रभारी मौजूद रहे ।

शिविर में जोखिमग्रस्त परिवारों की मैपिंग के आधार पर बच्चों एवं महिलाओं को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जोड़ा गया ।

 शिविर में 18 वर्ष से कम आयु के निराश्रित एवं विकलांग बच्चे , परित्यक्ता महिलाएं  एवं विधवा महिलाएं की विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त करीब 6 सौ. हितग्राहियों के व्यक्तिगत  आवेदन सामने आए। इस मौके पर कुछ दिव्यांगो को प्रणाम पत्र वितरित किए गए। 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग व सेवा भारती द्वारा इस मौके पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों द्वारा शिविर में मौजूद  निराश्रित बच्चों एवं दिव्यांग बच्चों के परिजनों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

शिविर में सभी विभागों के स्टॉल लगाए गए तथा विभिन्न विभागों से संबंधित 600 आवेदन प्राप्त हुए। वहीं विश्वकर्मा योजना के फार्म ऑनलाइन भरवाए गए। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत भी आवेदन प्राप्त हुए। एकल माता-पिता, आयुष्मान कार्ड, ग़रीबी रेखा के राशनकार्ड बनाने,जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, शौचालय के आवेदन प्राप्त हुए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर में आए बच्चों का मौके पर ही स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत कुछ विकलांग प्रमाणपत्र दिए गए। जिन बच्चों के आधार नहीं थे ।उनके मौके पर ही आधारकार्ड बनाए गए। जिन दिव्यांगजनो के पास सर्टिफिकेट नहीं था उन्हें डॉक्टरों की टीम द्वारा मौके परीक्षण किया गया। कुछ हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड के आवेदन प्राप्त किये। 

तहसीलदार एसआर देशमुख एवं सीईओ आशीष जोशी सहित मौजूद अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया ।

 शिविर में कुछ वर्ष पूर्व ग्राम बढ़गवां निवासी एक महिला द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने के बाद उसके पति द्वारा भी फांसी लगाकर आत्महत्या करने के बाद उनके दो पुत्र संस्कार 3 वर्ष एवं बृजेंद्र 2 वर्ष अनाथ हो गए थे तथा नगर के पक्का फाटक  निवासी सानिया 17 वर्ष एवं अरबाज  13 वर्ष के भी माता पिता के स्वर्गवास होने से दोनों अनाथ हो गए हैं। जिनका पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है। वह भी  अपनी पीड़ा लेकर पहुंचे।

जिन्हें आश्वस्त किया गया कि सरकार की बाल आशीर्वाद योजना का लाभ उन्हें दिलाने की पहल की जाएगी। जिसमें उन्हें 4 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है।  इसके अतिरिक्त अन्य अनाथ बच्चों , परित्यागता एवं विधवा महिलाओं को भी चिन्हित करते हुए जो काम करना चाहती हैं उन्हें भी रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आजीविका मिशन समन्वयक सुधीर सोनी को उनकी जिम्मेवारी सौंप गई। स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम के जल्दी चले जाने से करीब 35 बच्चे विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने से वंचित रह गए जो बाद में भटकते हुए देखे गए ।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.