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विधायक नेम प्लेट लगाकर घूम रहे 4 युवक गिरफ्तार, आरोपियों में एक नेता का बेटा भी शामिल

यूपी। यूपी में गाड़ियों पर विधायक लिखवा कर भौकाल टाइट करने के चक्कर में चार फर्जी विधायक सीएम योगी के शहर गोरखपुर में पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वे विधायक लिखवाने के साथ ही विधानसभा और विधान परिषद का फर्जी पास भी लगाए थे। इनमें तीन पर केस दर्ज कर पुलिस ने एक जेल भेज दिया जबकि दो के खिलाफ जांच की जा रही है। उनकी गाड़ियां भी सीज कर दी। हालांकि चौथे की सिर्फ गाड़ी सीज की गई है। बताया गया कि उसके पास कूटरचित पास नहीं मिला है। पकड़े गए आरोपितों में पूर्व विधायक देव नारायन सिंह उर्फ जीएम सिंह का बेटा भी शामिल है। जांच में सामने आया कि टोल टैक्स बचाने और अधिकारियों से काम करने के बदले ये विधायक का फर्जी पास लगाकर लोगों से वसूली करते थे।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मंगलवार की रात से शहर में चेकिंग अभियान चलाया था। रामगढ़ताल पुलिस ने चम्पा देवी पार्क के पास यूपी 53 ईएल 2121 नम्बर की स्कार्पियों को पकड़ा। जिस पर बड़े अक्षरों में विधायक लिखा हुआ था। नीचे अंडाकार आकार में उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो तथा अंदर विधानसभा सचिवालय लाल बहादुर शास्त्री भवन अथवा लोक भवन के अतिरिक्त सचिवालय के समस्त भवनों के लिए मान्य लिखा पास लगा था। पकड़े गए एक वाहन पर लगे विधानसभा पास पर गाड़ी नम्बर के साथ क्रम संख्या 1350 वैधता दिसंबर 2023 तक मार्शल उत्तर प्रदेश विधानसभा प्रिंट का फर्जी होलोग्राम लगा पास मिला। गाड़ी चला रहे संतकबीरनगर के पठखौली के मूल निवासी व रुस्तमपुर आजाद चौक के रहने वाले आदित्य सिंह ने बताया कि यह पास मैंने अपने गांव के ही बगल के रहने वाले चाचा की गाड़ी पर लगे पास से कूटरचना कर बनाया है। इसका उपयोग मैं टोल टैक्स बचने के लिए करता हूं। सरकारी भवनों व सरकारी कार्यालयों में इस पास को दिखाकर लोगों का काम करा कर अनुचित लाभ भी कमाता हूं। रामगढ़ताल पुलिस ने आदित्य के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया है। आदित्य के खिलाफ इससे पहले 2017 में खलीलाबाद कोतवाली में भी जलासाजी कर रुपये हड़पने का केस हुआ था।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने अपने कार्यालय के सामने काले रंग की जिस इंडिवर गाड़ी को पकड़ी उस पर भाजपा का झंडा और विधायक, सदस्य विधान परिषद का स्टीकर लगा हुआ था। वाहन पास खिचड़ी मेला यूपी 32 ईपी 3838 नंबर की इंडिवर गाड़ी विशाल यादव बैजनाथपुर के नाम पर पंजीकृत थी। फिलहाल पुलिस ने इस इंडिवर गाड़ी को सीज कर दिया है। जबकि गाड़ी में मौजूद व्यक्ति पर केस नहीं दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि गाड़ी पर स्टीकर लगा मिला था इसलिए गाड़ी को सीज किया गया है।

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