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नाबार्ड ने मध्य प्रदेश में 2024-25 के लिए किया ₹2.84लाख करोड़ की ऋण संभाव्यता का आंकलन

नई दिल्ली। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा  “राज्य ऋण संगोष्ठी 2024-25”  का आयोजन दिनांक  14 फ़रवरी 2024 को होटल ताज लेकफ्रंट, भोपाल के सभाकक्ष में किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय श्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की गई तथा श्रीजे एन कंसोटिया , अपर मुख्य सचिव;  श्री एस एन मिश्रा, कृषि उत्पादन आयुक्त; श्री अशोक बर्नवाल,अपर मुख्य सचिव;सुश्री रेखा चंदनावेली, क्षेत्रीय निदेशक; भारतीय रिजर्व बैंक, भोपाल; श्री सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड; श्री तरसेम सिंह ज़ीरा, एसएलबीसी संयोजक; तथा प्रदेश के प्रमुख बैंक अधिकारियों के साथ साथ राज्य सरकार के संबंधित विभाग, कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों आदि ने सहभागिता की।  

संगोष्ठी के दौरान माननीय श्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बैंकों हेतु प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत ₹2.84लाख करोड़ की  ऋण संभाव्यता का आकलन किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। नाबार्ड द्वारा कुल अनुमानित ऋण संभाव्यता में से ₹ 1.80 लाख करोड़ कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए हैं ।  इसके अलावा एमएसएमई के लिए ₹ 0.89 लाख  करोड़ तथा अन्य (जैसे निर्यात, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, और सामाजिक बुनियादी ढांचों के लिए) ₹ 0.15 लाख करोड़ की ऋण संभाव्यता का आकलन किया हैं।  

माननीय वित्त मंत्री श्री देवड़ा जी ने नाबार्ड द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने हेतु किए गए कार्यो की सराहना की और बैंकों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे कंधे से कंधे मिलाकर मिलजुल कर कार्य करें जिससे प्रदेश के ग्रामीण और कृषि क्षेत्र का विकास किया जा सके।  उन्होने बैंकों से आह्वान करते हुए कहा कि नाबार्ड द्वारा स्टेट फोकस पेपर में आकलित ₹2.84लाख करोड़ के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष में ऋण वितरित करें जिससे किसान, महिला, बेरोजगार युवक व युवतियाँ और उद्यमियों को विकास की मुख्य धारा में अधिकाधिक संख्या में शामिल किया जा सके। मध्य प्रदेश सरकार कृषि और ग्रामीण विकास के लिए संकल्पबध्द है तथा इसके लिए हर जरूरी सहायता उपलब्ध करायेगी।  

श्रीजे एन कंसोटिया , अपर मुख्य सचिव, वन विभाग ने कहा कि बागवानी उत्पादके साथ साथ फूलों और फलों के उत्पादन के साथ साथ औषधीय पौधों और सुगंधित पौधों का भी शीर्ष उत्पादक है।हमें उद्यानिकी के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने की दिशा में एवं कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तथा  इनके उत्पादन के प्रसंस्करण के लिए नई योजनाओं के बारे में सोचना चाहिए । 

श्री एस एन मिश्रा, कृषि उत्पादन आयुक्त ने मध्य प्रदेश में फसल पैटर्न के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा  कि मध्य प्रदेश में खाद्य फसलों का प्रभुत्व है, उसके बाद तिलहन और दलहन का स्थान आता है।  मध्यप्रदेश में कृषि विकास की दर स्वस्थ तरीके से बढ़ रही है। उन्होंने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बैंकिंग क्षेत्र की महती भूमिका पर ज़ोर दिया।

श्री अशोक बर्नवाल, अपर मुख्य सचिव, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग, मध्य प्रदेश ने अपने सम्बोधन में  संभावित अनुमानों की उपलब्धि प्रतिशत को बढ़ाया जाने पर बल दिया।   उन्होंने बैंकों को उच्च मूल्य वाली फसलों, कृषि वानिकी, बागवानी, बांस, कृषि-प्रसंस्करण, कस्टम हायरिंग सेंटर के वित्तपोषण को बढ़ाने की सलाह दी, जो दीर्घकालिक स्थिरता के लिए संभावित क्षेत्र हैं।

श्री सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने कृषि तथा तत्संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में विकास की संभावनाओं  पर प्रकाश डाला तथा बताया कि वर्ष 2024-25 हेतु बैंक ऋण के माध्यम से वित्त पोषण के लिए उपलब्ध कुल संभाव्यता हेतु ₹2.84 लाख  करोड़ का अनुमान है, जो कि वर्ष 2023-24 के अनुमानों से 10 प्रतिशत अधिक है। कृषि और ग्रामीण परिस्थिति के तंत्र को सक्षम, सक्रिय और सशक्त बनाने की दिशा में संधारणीय कृषि, किसान की आय में वृद्धि, कृषि में पूंजी निर्माण का सृजन, कृषि संबंधित गतिविधियों के विकास पर ध्यान केन्द्रित कर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ऋण संभाव्यता का आकलन किया गया हैं , जो बैंकों के लिए वर्ष 2024-25 की अपनी वार्षिक ऋण  योजनाओं को तैयार करने में एक उपयोगी मार्गदर्शिका होगी और राज्य सरकार, नीति निर्माताओं और हितधारकों द्वारा उचित निर्णय और नीतियों से अनुकूल वातावरण तैयार करके राज्य के विकास में तीव्रता लाई जा सकेगी। 

सुश्री रेखा चंदनावेली, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक ने नाबार्ड द्वारा एक ब्लॉक से लेकर प्रदेश स्तर पर एक व्यापक दस्तावेज तैयार किए जाने के प्रयासों की सराहना की, जो प्रदेश की प्रगति के लिए ऋण लक्ष्य तय करने में सहायक होगा। श्री तरसेम सिंह ज़ीरा, एसएलबीसी संयोजक ने भी आश्वस्त किया कि इस लक्ष्य को पाने के लिए सभी बैंक मिलकर प्रयास करेंगे।

इसी दौरान मंच पर प्रदेश में स्वयं सहायता समूह, वित्तीय साक्षरता, किसान उत्पादक समूहों के संवर्धन आदि में उत्कृष्ट कार्य के लिए विभिन्न बैंकों, समाज संगठनों का विशेष सम्मान किया गया। 

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