भोपाल। नगरीय विकास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि नगरीय निकायों के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएँ निरंतर रूप से मिल सके, इसके लिये उन्हें वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। निकायों की कार्य-पद्धति राज्य सरकार की छवि को मजबूत करती है। मंत्री श्री विजयवर्गीय आज मंत्रालय में वित्त और नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री विजयवर्गीय ने निर्देश दिये कि नगरीय निकायों को देय चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से राज्य स्तर पर कटौती नहीं की जाना चाहिये। ऐसी व्यवस्था हो कि नगरीय निकाय विद्युत देयक की राशि स्वयं विद्युत कम्पनियों को जमा करायें। उन्होंने कहा कि मूलभूत राज्य वित्त आयोग, सड़क अनुरक्षण और मुद्रांक शुल्क की राशि जो करीब एक हजार करोड़ रूपये के करीब है, वित्त विभाग इस राशि को जल्द जारी करे। उन्होंने यूआईडीएफ के अंतर्गत नगरीय निकायों को अमृत योजना की पूर्ति के लिये 500 करोड़ रूपये की राशि शीघ्र जारी करने के लिये कहा। सचिव वित्त ने इस प्रकरण में एक सप्ताह में आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
प्रदेश के 6 प्रमुख नगरों में नगर परिवहन सेवा को मजबूत करने के लिये नगरीय विकास विभाग ने 552 ई-बस की योजना लागू करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को दिया है। नगरीय विकास मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि अन्य राज्यों ने इस योजना में गारंटी दी गयी है, इसी तरह की गारंटी प्रदेश में भी वित्त विभाग द्वारा दी जाये। बैठक में वित्त विभाग ने बताया कि नगरीय निकायों की विभिन्न शासकीय विभागों पर अधिरोपित सेवा कर राशि की सूची उपलब्ध कराई जाये। इसके आधार पर वित्त विभाग द्वारा उक्त राशि शीघ्र दिलाये जाने के प्रयास किये जायेंगे।