भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के बच्चों को बेहतर परिवेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति के लिए नए अवसर देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। संस्थान परस्पर ज्ञान एवं संसाधनों का उपयोग कर सकें, ऐसे नवाचार किए जा रहे हैं। इस अनुक्रम में एक संस्थान से दूसरे संस्थान में क्रेडिट ट्रांसफर के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान किए जाने का यह नवाचार प्रादेशिक शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करेगा। प्रदेश के शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत मेधावी विद्यार्थियों को मैनिट और आईआईटी जैसे उत्कृष्ट इंजीनियरिंग संस्थानों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। यह बात उच्च शिक्षा, आयुष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने आज मंत्रालय में तकनीकी शिक्षा विभाग एवं मैनिट भोपाल के मध्य समझौता ज्ञापन(एमओयू) संपादन कार्यक्रम के अवसर पर कही। मंत्री श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुरूप आवश्यक नवाचारों के माध्यम से प्रदेश को तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्ट बनायेंगे। उन्होंने तकनीकी शिक्षा में इस नवाचार के लिए दोनों पक्षों को बधाई एवं लाभान्वित छात्राओं को शुभकामनाएं दी।
प्रदेश के इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में अध्ययनरत बीई/बीटेक/बीआर्क पाठ्यक्रमों की मेधावी 50 छात्राओं का अंतिम वर्ष का अध्ययन मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) भोपाल से कराये जाने के संबंध में आज तकनीकी शिक्षा,उच्च शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की उपस्थिति में मंत्रालय के सभा कक्ष में तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं रोजगार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव एवं मैनिट, भोपाल के निदेशक श्री करुणेश कुमार शुक्ल के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित किया गया। इस अवसर पर आरजीपीवी विश्विद्यालय के कुलपति डॉ सुनील गुप्ता सहित विभागीय अधिकारीगण एवं लाभान्वित छात्राएं उपस्थित थीं।