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आम श्रद्धालुओं को आने से रोकने अयोध्या सीमा पर पुलिस का पहरा

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में वी-वीआईपी और खासजनों के आगमन के लिए सभी दरवाजे खोले गए थे वहीं अब आमजनों को अयोध्या पहुंचने से रोकने के लिए पड़ोसी जनपदों में ही रोक दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अयोध्या में बढ़ती भीड़ को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है, लेकिन इस अचानक उत्पन्न की गई व्यवस्था से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

देश के कई राज्यों मसलन छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या से लगने वाले सरहदी जनपदों में ही रोक दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के रायपुर से आए धनी धनगढ़ का कहना है कि “प्रभु श्रीराम के दर्शन की लालसा से वह अपने परिवार के साथ अयोध्या के लिए रवाना हुए हैं। रास्ते में तो उन्हें कहीं कोई परेशानी नहीं हुई है, लेकिन प्रयागराज आने के बाद जैसे ही वह सुल्तानपुर से आगे के लिए रवाना हुए थे कि उन्हें रोक दिया गया है।” रोके जाने का कारण पूछे जाने पर वह बताते हैं कि “बस में वैसे तो 70- 80 लोगों की जगह होती है, लेकिन महज 10 लोगों को ही अयोध्या जाने की अनुमति है।”


कोलकाता से बिजनेस संबंधित कार्यों के लिए अयोध्या आई महिला का कहना है कि “प्रशासन द्वारा उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया है। इस कड़ाके की सर्द भरी रात में वह लोग ठिठुरन के लिए विवश हैं जिनका कोई फुरसाहाल नहीं है।”

फिलहाल, अयोध्या के सीमावर्ती जनपदों की सरहदों पर बैरियर लगाकर तथा पुलिस का पहरा बिठाकर लोगों को रोका जा रहा है। अन्य जनपदों से अयोध्या आने वाली बसों में पहले से ही हिदायत दे दी गई है कि 10 से ज्यादा सवारी को अयोध्या ना लाएं। ऐसे में प्राइवेट और रोडवेज बस संचालक, चालक भी असमंजस में पड़ गए हैं कि भला वह किसे बैठाएं और है किसे न बैठाएं?

प्रयागराज से अयोध्या को जाने वाली एक रोडवेज बस के परिचालक ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर “जनचौक” को बताते हैं कि “अयोध्या महज 10 सवारियों को ही ले जाने के आदेश ने हम लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। यात्रियों से किचकिच होने के साथ-साथ उनकी खरी-खोटी सुननी पड़ जा रही है। जबकि अयोध्या जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ चली है ऐसे में यात्रियों को समझा पाना कठिन हो चला है।”

मंजिल से पहले भेज दिया जा रहा है रैन बसेरों में

अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। लिहाजा अयोध्या के आस-पास के जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को कम-कम करके अयोध्या भेजने के मौखिक आदेश जारी किए गये हैं। जिसको लेकर दूर दराज से अयोध्या जाने वाले लोगों को परेशान होकर इधर-उधर भटकने को मजबूर होते देखा जा रहा है। हालांकि प्रशासन ने रैन बसेरे की व्यवस्था कर रखा है। भले ही और कुछ की व्यवस्था न हो, लेकिन रैन बसेरों का इंतजाम कर इस कड़ाके की गलन भरी ठंड में लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है वहीं आलाधिकारी भी इस मामले पर कुछ भी बोलने से कन्नी काट रहे हैं।

अधिकारी दावा करते हैं कि बाहर से आने वाले उन यात्रियों को जो अयोध्या जाने के लिए निकले हैं उन्हें यहां रोक कर उनके ठहरने के उचित प्रबंध किए जा रहे हैं ताकि वह ठंड में सुरक्षित रह सकें। सुल्तानपुर के एडीएम सीपी पाठक कहते हैं कि “बाहर से आने वाले उन यात्रियों को जो अयोध्या के लिए रवाना हो रहे हैं, के बैठने रहने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जिले के अग्रवाल धर्मशाला, रामनरेश धर्मशाला, कूरेभार स्थित मीटिंग हाल, मैरिज लॉन इत्यादि में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है, जहां उनके नाश्ते और भोजन की भी व्यवस्था की गई है।”

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