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अनुसूचित जनजाति वर्ग के स्नातकों को बी.एड के लिये करें प्रोत्साहित

भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के समानांतर व्यवसायिक शिक्षा दिलाये जाने पर भी जोर दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री आज भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी भी मौजूद थीं।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में स्नातक युवाओं को बी.एड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने जनजातीय युवाओं की बी.एड फीस की प्रतिपूर्ति की योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये। मंत्री श्री सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की आवास व्यवस्था की योजना तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। मंत्री श्री सिंह ने प्रदेश के सरकारी हायर सेकंड्ररी स्कूलों में वार्षिक उत्सव को गरिमा और भव्यता के साथ आयोजित किये जाने के लिए कहा। बैठक में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि पिछले तीन वर्षो में 32 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है। इनमें उच्च माध्यमिक, माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक शामिल हैं। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश भर में 2 लाख 42 हजार से अधिक शिक्षक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। इसके साथ ही करीब 72 हजार 500 अतिथि शिक्षक भी शैक्षणिक कार्य में सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। बैठक में ऑनलाइन स्थानांतरण नीति पर भी चर्चा की गई।

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