भोपाल। स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और महत्वपूर्ण है, उसी तरह बच्चों की सुरक्षा और उनका संरक्षण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आवश्यक है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराया जाये। श्री सिंह बुधवार को समन्वय भवन में आयोजित नि:शुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्य से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति और संस्था को अपने आपको भाग्यशाली मानना चाहिये कि वे इस नेक मकसद से जुड़े हैं। इस संदर्भ में और बेहतर कार्य कैसे किया जा सकता है, इसके लिये स्कूल शिक्षा और महिला बाल विकास विभाग संयुक्त बैठक कर आगे की रणनीति बनायेंगे।
महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है कि बाल अधिकार अधिनियमों की जानकारी हर स्तर तक पहुँच सके। इस तरह की कार्यशाला शहरों तक सीमित नहीं होना चाहिये। अब आदिवासी क्षेत्रों में भी ऐसी कार्यशालाएँ आयोजित होंगी, जिससे उस क्षेत्र के बच्चे भी अपने अधिकारों को समझ सकेंगे। उन्होंने कहा कि शहरों में कई संस्थाएँ काम कर रही हैं, परंतु आदिवासी क्षेत्रों मे इसका अभाव है। संस्थाएँ ऐसे क्षेत्रों में भी जागरूकता के लिये काम करें। हमारी कोशिश है कि बच्चों और महिलाओं के उत्थान के लिये जनजाति क्षेत्रों मे भी आँगनवाड़ी खोले जायें।