भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हम शहीदों का स्मरण करेंगे, तभी हमें आजादी की कीमत पता चलेगी। हजारों-लाखों के बलिदान से यह बेशकीमती आजादी मिली है। इसलिए जिन्होंने आजादी दिलाई है, हम उन अमर शहीदों का पुण्य स्मरण करते रहें। आजादी की लड़ाई में बलिदान होने वाले अमर शहीदों का स्मरण कराते रहें, इससे हमारी युवा पीढ़ी को भी एक नई दिशा मिलेगी। हेमू कालानी ने मात्र 19 साल की उम्र में आजादी के लिये हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुती दी। मुख्यमंत्री आज उज्जैन में अमर शहीद हेमू कालानी के बलिदान दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अमर शहीद हेमू कालानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
सिंधी कॉलोनी स्थित पार्क में हुये कार्यक्रम में उज्जैन सांसद श्री अनिल फिरोजिया, उज्जैन उत्तर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, श्री विवेक जोशी, श्री रूप पमनानी, श्री सुनील नवलानी, श्री महेश परियानी, पार्षद श्री कैलाश प्रजापति, श्रीमती दिव्या बलवानी, श्री जितेन्द्र कृपलानी सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद हेमू कालानी ने अंग्रेजों से लड़ते हुए खुशी-खुशी फांसी स्वीकार की, पर अपने साथियों के नाम नहीं बताये। डॉ. यादव ने कहा कि अंग्रेजी राज्य में कभी सूर्य अस्त नहीं होता, क्योंकि विश्व के अधिकांश देशों में उनका शासन था। ऐसे शक्तिशाली शासकों से लड़ने के लिये देश में दो उस समय विचारधारायें थीं। एक विचारधारा अहिंसा मार्ग पर चलने वाली महात्मा गांधी जी की थी, दूसरी चंद्रशेखर आजाद एवं भगत सिंह की क्रांतिकारी विचारधारा थी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने आजादी का नारा दिया था “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा”।