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विधायक जनहित के मुद्दों के लिये विधानसभा के हर प्लेटफार्म का उपयोग करें

भोपाल। संसदीय कार्य एवं नगरीय विकास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि विधानसभा में विधायक के रूप में निर्वाचित होने के बाद जनता में विश्वास कायम रखना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने नव-निर्वाचित विधायकों से सदन की प्रक्रिया के हर प्लेटफार्म का उपयोग जनहित के मुद्दों को उठाने में किये जाने की बात कही। संसदीय कार्य मंत्री श्री विजयवर्गीय आज भोपाल में 16वीं विधानसभा के नव-निर्वाचित सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।

संसदीय कार्य मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में जो भी सदस्य अपना वक्तव्य देता है, उसकी वीडियो क्लीपिंग नाममात्र शुल्क पर सदस्य को उपलब्ध कराये जाने की सुविधा है। नव-निर्वाचित सदस्य इस सुविधा का उपयोग जनता में विश्वास को और मजबूत करने में बेहतर तरीके से कर सकते हैं। उन्होंने नव-निर्वाचित विधायकों से कहा कि प्रत्येक सदस्य के सार्वजनिक जीवन के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन में पारदर्शिता का होना जरूरी है। सदन के सदस्य को जनता के बीच लगातार विश्वास को मजबूत करने के लिये प्रयास करते रहना चाहिये।

मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ की जनता के लिये 230 सदस्यों को सदन के लिये निर्वाचित किया गया है। यह अपने आप में महत्वपूर्ण है। उन्होंने सदन में शून्य काल और याचिका व्यवस्था की प्रक्रिया के बारे में भी सदस्यों को जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि 16वीं विधानसभा में 69 विधायक पहली बार निर्वाचित होकर आये हैं। इन्हें विधानसभा की संदर्भ और लायब्रेरी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिये।

सांसद एवं सभापति विशेषाधिकार समिति लोकसभा श्री सुनील कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि विधायक जब निर्वाचित होकर सदन में पहुँचता है, तो यह जिज्ञासा होती है कि उन्हें क्या-क्या अधिकार हैं। उन्होंने विधायकों को सलाह दी कि वे विशेषाधिकार के साथ-साथ कर्त्तव्यों पर ज्यादा ध्यान दें। उन्होंने सदस्यों को सदन की कार्यवाही में मर्यादित आचरण के साथ पूरे समय मौजूद रहने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कि सदन में उनका बेहतर प्रदर्शन उन्हें राज्य के नेता के रूप में पहचान दिलाने में मददगार होता है। सांसद श्री सिंह ने भारत की गरिमापूर्ण लोकतंत्र के इतिहास की जानकारी भी दी। विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री ए.पी. सिंह ने संसदीय प्रक्रिया स्थगन, ध्यानाकर्षण और अविलम्ब लोक महत्व की सूचना के महत्व के बारे में सदस्यों को जानकारी दी।

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