बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की बुद्धिमत्ता छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक रही।उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के प्रश्नों और चिंताओं का समाधान किया। उन्होंने उस तनाव के बारे में बात की जो माता-पिता, शिक्षकों और छात्रों की अपेक्षाओं से पैदा होता है।
उन्होंने शिक्षकों को परिवर्तन के एजेंट के रूप में कार्य करने और पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से ऊपर उठकर बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने छात्रों को अपने समय का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने और प्रत्येक विषय पर उचित ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। उन्होंने उचित नींद, पौष्टिक आहार और गैजेट्स से दूर रहने पर भी जोर दिया। उन्होंने छात्रों से सूचना और ज्ञान के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने को कहा।
उन्होंने इच्छुक परीक्षार्थियों को अपनी रुचि और ताकत के आधार पर करियर संबंधी निर्णय लेने और कभी भी अपनी पसंद पर संदेह नहीं करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कैसे एनईपी ने छात्रों को करियर के मामले में ज्वलंत विकल्प प्रदान किए हैं।
उन्होंने बच्चों से अपने व्यवहार का विश्लेषण करने और अपने माता-पिता के बीच अपने लिए विश्वास पैदा करने का आग्रह किया। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से भी बच्चों का समर्थन करने का अनुरोध किया।
अंत में, उन्होंने बताया कि कैसे वह अपने देशवासियों के समर्थन के बारे में आश्वस्त महसूस करके खुद को तनावमुक्त करने का प्रबंधन करते हैं। उन्होंने छात्रों से प्रेरित महसूस करने और अपनी इच्छाशक्ति का प्रयोग करने को कहा।