भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय श्रेष्ठ मानव का विकास करे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ज्ञान के विस्तार के साथ ही श्रेष्ठ मानव तैयार करना है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की है कि उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान के साथ ही नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक परम्पराओं, संस्कारों और व्यवहारिक जीवन के गुणों को भी रोपित करे।
राज्यपाल श्री पटेल राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 101 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेशन जरूरी है। शिक्षा का अंतिम उद्देश्य समर्पित, संवेदनशील और कर्मठ नागरिक बनाना है। यह समझना जरूरी है कि मात्र ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी विकास समग्र शिक्षा नहीं है। विद्यार्थियों में सामाजिक समरसता, पर्यावरणीय चेतना और महिला सशक्तिकरण जैसे सामाजिक सरोकारों के प्रति सजगता और सक्रियता का होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि विद्यार्थियों को हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक परम्पराओं और विरासत के संस्कारों से दीक्षित करे ताकि विद्यार्थी भावी जीवन में हमारी संस्कृति की जड़ों से जुड़े रह कर, विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति करे।