बेगमगंज। थाना सिलवानी के सत्र प्रकरण मैं हत्या के मामले में अपर सत्र यायाधीश राजकुमार वर्मा द्वारा भादवि की विभिन्न धाराओं में निर्णय पारित करते हुए आरोप रजनीश पिता गुड्डा आदिवासी आयु 22 साल एंव आरोपी गुड्डा पिता भगत सिंह उर्फ बीरा आदिवासी उम्र 42 साल दोनों निवासीगण ग्राम सुल्तानपुर थाना सिलवानी को दोषी पाते हुये धारा आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड एवं धारा 323/34 भादवि में 04 माह का सश्रम कारावास से दंडित किया है।
अपर लोक अभियोजक धीरेन्द्र सिंह गौर ने ओके जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी ने बताया कि वह ग्राम खमरिया में रहता है तथा खेती करता है। उसके बड़े भाई की लडकी राजवती की शादी ग्राम सुल्तानपुर में रजनीश पिता गुड्डा के साथ करीब तीन साल पूर्व रीति- रिवाज से की थी जिसका एक दो वर्ष का बालक है। उसकी भतीजी को उसके ससुराल बाले आए-दिन मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडित किया करते थे जिससे तंग आकर उसकी भतीजी लगभग दो साल से अपने मायके ग्राम खमरिया आ गयी थी।
घटना दिनांक को करीब आठ बजे दामाद रजनीश व उसका समधी गुड्डा लडकी के मायके खमरिया आए और नाती को ले जाने का कहने लगे तथा उसके बड़े भाई महाराज सिंह व भतीजा नीतेश को दामाद रजनीश व समधी गुड्डा माँ-बहिन की गन्दी गन्दी गाली देने लगे और बोले के यदि बेटे को नहीं ले जाने दोगे तो जान से खत्म कर देंगे जब इसका विरोध उसके बड़े भाई महाराज सिंह (मृतक) द्वारा किया जाकर गाली देने से मना किया गया तो उसके बड़े भाई को दामाद रजनीश व समधी गुड्डा ने दोनो ने डंडे से मारपीट की जब बीच-बचाव करने उसका भतीजा नीतेश आया तो उसके साथ भी मारपीट की गई। उक्त मारपीट में दामाद रजनीश ने बडे भाई के सीने पर व वाएं
तरफ पसली पर डंडे से मारपीट की जिससे उसका बडा भाई महाराज सिंह वही पर गिर गया एवं समधी गुड्डा ने भी एक दो डंडा लाठी से हाथ पैर पर मारा व दामाद रजनीश ने उसके भतीजा नीतेश को दाहिने हाथ पर डंडे से मारा जिससे चोट आकर खून निकलने लगा और वे लोग मारपीट कर के बाद जान से मारने की धमकी देकर चले गए जिसके उपरांत फरियादी के द्वारा उसके बडे भाई को सिविल अस्पताल सिलवानी और फिर जिला अस्पताल रायसेन ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
जिस पर सिलवानी पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट आरोपीगण के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद कर गिरफ्तार कर लिया।
विवेचना अनुसंधान उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय अपर सत्र न्यायालय बेगमगंज के समक्ष पेश किया गया जिस पर सभी अभियोजन साक्षयों के मूल्यांकन उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषसिद्ध पाते हुए उक्त सजा से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर पैरवी शासकीय अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह गौर के द्वारा की गई।