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आदिवासी विकासखण्डों में खुलेंगे रानी दुर्गावती प्रशिक्षण केन्द्र

भोपाल। प्रदेश के सभी 89 आदिवासी विकासखण्डों में रानी दुर्गावती प्रशिक्षण केन्द्र खोले जायेंगे। इन प्रशिक्षण केन्द्रों में आदिवासी युवाओं को स्व-रोजगार हेतु विविध विधाओं में प्रशिक्षण दिये जायेंगे। जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री कुंवर विजय शाह ने आज जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान अधिकारियों को रानी दुर्गावती प्रशिक्षण केन्द्र में ई-लायब्रेरी स्थापित करने के निर्देश दिये। ई-लायब्रेरी के माध्यम से आदिवासी युवाओं को ऑनलाइन क्लासेस, विशिष्ठ पढ़ाई की सुविधा सहित संघ लोकसेवा आयोग व मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि सभी आदिवासी विकासखण्डों में संचालित विभागीय स्कूलों में केजी-I व केजी-II की पढ़ाई का सिलेबस बच्चों की मातृभाषा या उन्हीं की बोली में हों।

जनजातीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, आयुक्त जनजातीय कार्य श्री संजीव सिंह, अपर आयुक्त डॉ. सतेन्द्र सिंह सहित अन्य सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

जनजातीय कार्य मंत्री श्री शाह ने अधिकारियों से कहा कि सभी जनजातीय विकासखण्डों में जनजातीय वर्ग के समुचित विकास के अच्छे कामों की फिल्म बनाई जाये और विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार को (प्रधानमंत्रीजी के अवलोकनार्थ) भेजा जाये।

श्री शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आदिवासी वर्ग के जो विद्यार्थी किराये का मकान लेकर विद्याध्ययन कर रहें है, उन्हें वर्तमान में दिये जा रहे 1500 रूपये प्रतिमाह आवास भत्ता को बढ़ाकर 2000 रूपये प्रतिमाह तक किया जाये। मंत्री श्री शाह ने कहा कि सभी आदिवासी विकासखण्डों में संचालित विभागीय स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये जाएं। इससे शालाओं में स्मार्ट क्लासेस भी स्थापित की जा सकेंगी। सभी जनजातीय स्कूलों में फर्नीचर की समुचित व्यवस्था की जायें। साथ ही सभी जनजातीय स्कूलों में पढ़ रहें विद्यार्थियों को साईकिल व गणवेश खरीद के लिये दी जा रही राशि के स्थान पर विभागीय तौर पर उन्हें साईकिल और गणवेश वितरित किया जाये। मंत्री श्री शाह ने कहा हर आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय में एक-एक जन औषधि केन्द्र खोला जाये। हर आदिवासी ग्राम में मोबाईल एटीएम वेन जाये। स्कूल खुलने के एक माह के अंदर बच्चों को शैक्षणिक किट उपलब्ध करा दी जाये। विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह के बच्चों के लिये स्थापित आवासीय परिसरों और छात्रावासों का विशेष रख-रखाव किया जाये। जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिये विशेष प्रस्ताव बनाये जायें। जिससे इन क्षेत्रों में अधोसंरचना और सिंचाई साधनों का विकास हो सकें।

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