गर्म कपड़ों की दुकान |
बेगमगंज। दिसंबर माह में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ठंड के चलते ऊनी वस्त्र एवं रजाई गद्दों की बिक्री ने जोर पकड़ लिया है। बाजार में देशी रूई के अलावा मिलों से निकलने वाली कतरन रूई के रूप में बिक रही है। दुकानदार रफीक मसूरी ने बताया कि ठंड देरी से पड़ने के कारण अभी धंधे में मंदी चल रही थी लेकिन नवम्बर माह के आखिर से ही सर्दी अपना असर दिखाने लगी है। पिछले तीन चार दिन से तापमान में गिरावट आई है। इन दिनों देशी रूई के भाव 200 से 250 रुपए प्रति कि.ग्रा. चल रहे है। देशी रूई की मांग काफी ज्यादा है। देशी रूई के दाम अधिक होने से गरीब तबके के लोग रजाईयों में कतरन वाली हल्की रूई डलवा रहे है। क्योंकि इसकी कीमत 50 से 60 रु पए प्रति किलो है। संपन्न परिवारों की पहली पसदं जयपुरी रजाई बनी हुई है। क्योंकि वह कम वजन की होने के बावजूद गरमी अधिक देती है और रखने में भी स्थान कम घेरती है।
श्री मंसूरी ने बताया कि रूई का स्टाक उन्होने दीपावली के पहले ही कर लिया था लेकिन इस बार ठंड देरी से पड़ने के कारण सीजन मंदा रहा अब धीरे धीरे तेजी पकड़ रहा है।
धुनाई और तगाई के बढ़े रेट- बढ़ती हुई महगाई में जहां ऊनी वस्त्रों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। तो अब वहीं रूई की धुनाई व तगाई के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में जहां पुरानी रूई की धनाई 25 रुपए तो नई रूई की 20 रुपए प्रति किलो चल रही है। वहीं तगाई के रेट 75 रुपए प्रति नग चल रहे है पिछले साल के मुकाबले इस साल रूई की धुनाई व तगाई में 10 से 15 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ऊँनी कपड़ों में फैशन भी शामिल: बाजार में रेडीमेड दुकानों पर नई बैरायटी में नया माल उपलब्ध है। ग्राहको की पंसद को देखते हुए नई फैशन के गरम कपड़ों का स्टाक उपलब्ध है। बाजार में बलबुल ऊन के कपड़ों की मांग भी ज्यादा है क्योंकि बुलबुल ऊन हल्का और गरम होता है इसके पहनने में आसानी होती है।
युवाओं में जैकिट, महिलाओं को पसंद आ रही जर्किन- गर्म कपड़ो में युवा वर्ग की पहली पसंद जैकिट है। जो रेडीमेड दुकानों पर विभिन्न डिजायनों में उपलब्ध है। जयपुरी, राजस्थानी एवं लुधयानवी टूइन वन जैकिट युवाओं की पहली पंसद मानी जा रही है। महिलाओं और युवतियों को ब्लैक लेदर वाली जर्किन और स्वेटर पंसद है। रेडीमड दुकानों पर जर्किन व स्वेटर की विभिन्न वैरायटिए अलग अलग डिजायनों - में उपलब्ध है। टीव्ही सिरियल में चलने वाली फैशन के गर्म कपड़े युवतियों की पहली पंसद बताई जा रही है। वहीं बच्चों में गर्म टोपे टोपियों व स्वेटर विभिन्न बैरायटियों में उपलब्ध है।
गर्म कपड़ो पर भी मंहगाई का असर:- पिछले साल के मुकाबले इस साल गर्म कपड़ों के दाम बीस से 25 फीसदी ज्यादा है। वहीं डिजाइनदार फैशनेवल गर्म कपडे मंहगे है। जिन्हें साधन सम्पन्न लोग ही खरीद पा रहे है। गरीब तो फलालेन की बनी जर्किन ही खरीद कर काम चला रहे है।