अशोकनगर। जिले में मुरम के अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य जोरों पर चल रहा है। मुरम माफिया सारे नियम कानून को दरकिनार कर दिन रात सरकारी और निजी जमीन को खोदकर बडे-बडे गड्ढे बनाने में लगे हैं। ऐसा नहीं है कि इस बात की सूचना खनन विभाग सहित स्थानीय प्रशासन को नहीं है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नतीजतन दर्जनों ट्रैक्टरों और डंपरों द्वारा अवैध खनन कर सप्लाई की जा रही है।
सरकारी भवनों, सडक़ों एवं मकान निर्माण में होने वाली मुरम की खपत को अवैध उत्खनन कर पूरा किया जा रहा है। पलकाटोरी स्थित विद्युत फीडर के पास से रावंसर गांव को जाने वाले कच्चे मार्ग पर करीब 4 से 5 वीघा जमीन पर मुरम की अवैद्य खुदाई की जा रही है। माफिया करीब 20 फीट गहराई तक मुरम की खुदाई कर तालाब बना चुके हैं। इसके बाद भी अवैद्य उत्खनन का खेल लगातार जारी है। यही स्थित उद्योग क्षेत्र के लिये चिन्हित पलकाटोरी पठार की है। यहां भी मुरम का अवैद्य उत्खनन प्रतिदिन जारी है। दिन रात मुरम के डंपर शहर के मुख्य चौराहों से गुजरते हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। प्रशासन की निष्क्रियता का खुलकर लाभ उठाकर मुरम माफिया जेसीबी से खनन कर मुरम एकत्र कर रहें हैं। शासन प्रशासन मुरम के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए लंबे समय से दिशा निर्देश जारी कर रहा हैंउदासीन रवैए के कारण बिना अनुमति एवं रायल्टी चुकाए माफिया मुरम का उत्खनन कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। जहां से खनन माफिया इन दिनों मनमाने तरीके से मुरूम का उत्खनन कर क्षेत्र की जमीनों को खराब कर न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि रोजाना शासन को मिलने वाला लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। लेकिन खनिज अधिकारी ने इस कारोबार पर अंकुश लगाने की आजतक कोशिश नहीं की।
इनका कहना:
आपकी सूचना के आधार पर जांच के लिये इंस्पेक्टर को भेजा है। जानकारी आ जाने के बाद उसके आधार पर कार्यवाही करेगें।
दीपक सक्सेना, खनिज अधिकारी अशोकनगर
मैं दूसरी फील्ड पर था, वहां नहीं गया था। लोकेशन या वीडिया मुझे भेज देते फोन से किससे जानकारी लूं। अभी मेने देखा नहीं है आप लोकेशन बता रहे हैं वहां जानकारी जानकारी लेता हूं।
आशीष तिवारी, खनिज इंस्पेक्टर