नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के सूरत में सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम से पहले, प्रधानमंत्री पंचतत्व उद्यान भी देखने गए, सूरत डायमंड बोर्स और स्पाइन-4 का हरित भवन भी देखा तथा आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। इस समारोह से पहले, प्रधानमंत्री ने सूरत हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का भी उद्घाटन किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत शहर की भव्यता में हीरे जैसी एक और नई विशेषता जुड़ गई है। “यह कोई साधारण हीरा नहीं है, बल्कि दुनिया का सबसे बेहतरीन हीरा है”, श्री मोदी ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि सूरत डायमंड बोर्स की भव्यता दुनिया की सबसे बड़ी इमारतों से भी शानदार है। उन्होंने इतने बड़े मिशन की सफलता का श्रेय श्री वल्लभभाई लखानी और श्री लालजीभाई पटेल की विनम्रता और सभी को साथ लेकर चलने की भावना को दिया। इस अवसर पर उन्होंने सूरत डायमंड बोर्स की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘सूरत डायमंड बोर्स अब दुनिया में हीरे के बाजारों से जुड़ी चर्चा के दौरान भारत के गौरव के साथ सामने आएगा।‘’ प्रधानमंत्री ने कहा, “सूरत डायमंड बोर्स भारतीय डिजाइनों, डिजाइन करने वालों, सामग्री और विचारों की क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। यह भवन नए भारत की क्षमताओं और संकल्पों का प्रतीक है।” श्री मोदी ने सूरत डायमंड बोर्स के उद्घाटन पर पूरे हीरा उद्योग तथा सूरत शहर, गुजरात और भारत के लोगों को बधाई दी। इस कार्यक्रम से पहले, प्रधानमंत्री आज सूरत डायमंड बोर्स को देखने गए। इसे याद करते हुए, उन्होंने भवन की वास्तुकला पर प्रकाश डाला और हरित भवन का उल्लेख किया, जो दुनिया भर के पर्यावरण समर्थकों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। उन्होंने कहा कि वास्तुकला और संरचनात्मक इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए इमारत की समग्र वास्तुकला सीखने का एक माध्यम बन सकती है, जबकि पंचतत्व उद्यान का उपयोग भूदृश्य-चित्रण के एक उदाहरण के रूप में किया जा सकता है।
सूरत के लिए दो अन्य उपहारों के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने सूरत में एक नए हवाई अड्डे के टर्मिनल के उद्घाटन और सूरत हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किए जाने का उल्लेख किया। सभा में उपस्थित लोगों ने लंबे समय से लंबित इस मांग के पूरा होने पर खड़े होकर तालियां बजाईं। उन्होंने सूरत-दुबई हवाई सेवा शुरू होने और जल्द ही हांगकांग के लिए भी हवाई सेवा शुरू होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘सूरत के साथ, गुजरात में अब तीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं।‘’
सूरत शहर के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों और सीखने के अनुभवों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ की भावना का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, ‘’सूरत की मिट्टी इसे दूसरों से अलग करती है।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में उत्पादित कपास बेजोड़ है। सूरत की उतार-चढ़ाव की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब अंग्रेज पहली बार भारत आए, तो सूरत की भव्यता ने उन्हें आकर्षित किया। उन्होंने उस समय को याद किया जब सूरत दुनिया के सबसे बड़े जहाजों का विनिर्माण केंद्र था और सूरत के बंदरगाह पर 84 देशों के जहाजों के झंडे लहराते थे। उन्होंने कहा, ‘‘अब यह संख्या बढ़कर 125 हो जाएगी।‘’ शहर की कठिनाइयों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और बाढ़ का उल्लेख किया और याद किया कि कैसे शहर की भावना पर सवाल उठाया गया था। प्रधानमंत्री ने आज के अवसर पर विश्वास व्यक्त किया और उल्लेख किया कि सूरत दुनिया के शीर्ष 10 बढ़ते शहरों में से एक बन गया है। उन्होंने सूरत के उत्कृष्ट स्ट्रीट फूड, स्वच्छता और कौशल विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेखांकित किया कि सूरत, जिसे पहले सन सिटी के नाम से जाना जाता था, ने अपने लोगों की कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से खुद को डायमंड सिटी, सिल्क सिटी और ब्रिज सिटी के रूप में बदल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आज, सूरत लाखों युवाओं के लिए सपनों का शहर है।‘’ उन्होंने आईटी क्षेत्र में सूरत की प्रगति का भी उल्लेख किया और कहा कि सूरत जैसे आधुनिक शहर को डायमंड बोर्स के रूप में इतनी शानदार इमारत मिलना अपने आप में ऐतिहासिक है।