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प्रधानमंत्री ने 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राष्ट्र को समर्पित किया और शिलान्‍यास किया


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अयोध्या धाम में 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राष्ट्र को समर्पित किया और शिलान्यास किया। इनमें अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्रों की 11,100  करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं और पूरे उत्तर प्रदेश में अन्य परियोजनाओं से संबंधित लगभग 4600 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया और नई अमृत भारत ट्रेनों और वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कई अन्य रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। इसके बाद उन्होंने नवनिर्मित अयोध्या हवाई अड्डे का भी उद्घाटन किया। इस हवाई अड्डे का नाम महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्या धाम आने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने रोड शो के दौरान इस पवित्र शहर में व्‍याप्‍त उत्साह और उमंग का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतज़ार कर रही है। भारत की मिट्टी के कण-कण औऱ भारत के जन-जन का मैं पुजारी हूं और मैं भी आपकी तरह ही उत्‍सुक हूं।” राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन के लिए।

प्रधानमंत्री ने 30 दिसंबर के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि इसी दिन 1943 में अंडमान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था। उन्होंने कहा, “आज़ादी के आंदोलन से जुड़े ऐसे पावन दिवस पर, आज हम आजादी के अमृतकाल के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण को गति देने के अभियान को अयोध्या नगरी से नई ऊर्जा मिल रही है और उन्होंने विकास परियोजनाओं के लिए अयोध्यावासियों को बधाई दी। उन्होंने  जोर देकर कहा कि ये परियोजनाएं अयोध्या को देश के नक्‍शे पर फिर से गौरव के साथ स्थापित करेंगी।

प्रधानमंत्री ने विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए अपनी विरासत को संभालने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज का भारत, पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है” और अपनी बात को विस्‍तार से समझाते हुए राम लला के भव्य मंदिर की तुलना  4 करोड़ गरीब नागरिकों के लिए पक्के घरों के साथ; तीर्थ स्‍थलों को संवारने की तुलना डिजिटल इंडिया में हो रही प्रगति के साथ; काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निमाण की तुलना  30,000 से अधिक पंचायत भवनों; केदार धाम के पुनरुद्धार की तुलना 315 से अधिक मेडिकल कॉलेजों के साथ; महाकाल महालोक के निर्माण की तुलना  हर घर जल के साथ; चांद, सूरज और समुद्र की गहराइयों को नापने की तुलना पौराणिक मूर्तियों को भी रिकॉर्ड संख्या में विदेश से वापस लाने के साथ की।

उन्होंने आगामी प्राण प्रतिष्ठा का उल्‍लेख करते हुए कहा, 'आज यहां प्रगति का उत्सव है, कुछ दिनों के बाद परंपरा का उत्सव भी होगा, आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, तो कुछ दिनों बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। विकास और विरासत की यही साझा ताकत, भारत को 21वीं सदी में सबसे आगे ले जाएगी।” स्वयं महर्षि वाल्मिकी द्वारा वर्णित अयोध्या की प्राचीन महिमा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उसी पुरातन पहचान को आधुनिकता से जोड़कर वापस लाने की इच्छा दोहराई।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “अयोध्या नगरी, अवध क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे यूपी के विकास को ये हमारी अयोध्या दिशा देने वाली है।” उन्‍होंने भव्य मंदिर बनने के बाद यहां तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की अनुमानित वृद्धि की ओर इशारा करते हुए कहा कि मांग को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने अयोध्या हवाई अड्डे  का नाम महर्षि वाल्मिकी के नाम पर रखे जाने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण वो ज्ञान मार्ग है, जो हमें प्रभु श्रीराम से जोड़ती है। आधुनिक भारत में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हमें अयोध्या धाम और दिव्य-भव्य नव्‍य राम मंदिर से जोड़ेगा। पहले चरण में इस  हवाई अड्डे में हर साल 10 लाख यात्रियों की सेवा करने की क्षमता है और दूसरे चरण के बाद, महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हर साल 60 लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि अभी अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर 10 हजार लोगों की सेवा करने की क्षमता है। विकास होने के बाद यहां पर 60 हजार लोग आ-जा सकेंगे। विकास होने के बाद यहां पर हर रोज 60 हजार लोग आ-जा सकेंगे। इसी तरह, उन्होंने बताया कि राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ और श्री राम जन्मभूमि पथ के साथ कार पार्किंग, नए मेडिकल कॉलेज, सरयू जी के प्रदूषण को रोकना, राम की पैड़ी को नया रूप देना, घाटों का‍ विकास, प्राचीन कुंडों का पुनरुद्धार, लता मंगेशकर चौक अयोध्या को नई पहचान दे रहे हैं और पवित्र शहर में आय और रोजगार के नए रास्ते बना रहे हैं।

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