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ईयर फोन के कारण दब जाती है मौत की आहट

बेगमगंज। वाहन चलाते समय मोबाइल  पर बात करना और ईयर फोन कान में लगा होनें से वाहन के हार्नो की आवाज न सुन पाने की वजह से दोपहिया और चार पहिया वाहन चालाकें को अक्सर सड़क दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। ऐसे मामले सामने आते ही पुलिस और यातायात विभाग द्वारा वाहनों की चेकिंग के दौरान पाए जाने वाले ऐसे वाहन चालकों पर कुछ समय के लिए कार्रवाई की जाती है। फिर वही ढर्रा शुरू हो जाता है। गत सप्ताह ग्राम बेरखेड़ी में बाइक व ट्रैक्टर की टक्कर में बाइक चालक ईअर फोन लगाए हुआ था उसे ट्रैक्टर की आवाज ही सुनाई नही दी और टकराकर घायल हो गए थे।

कार्टून इमेज इयरफोन

इस संबंध में यातायात पुलिस कर्मी के अनुसार ईयर फोन लगाकर वाहन चालाने और चलती गाड़ी में मोबाइल  पर बातचीत करने को लोग अपना स्टेटस सिंबल मानने लगे है। कई बार ऐसे वाहनों और चालकों को समझाइश देने पर विवाद की भी संभावना बन जाती है। यही हाल सडक पार कर रहे पैदल यात्रियों का भी है जो अक्सर वाहनों से टकरा जाते है और उलटा वाहन चालक से लड़ने को तैयार हो जाते हैं।

जाते है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ईयर फोन लगाकर वाहन चलाने और सड़क पार करने वाले के साथ एक साल में करीब पांच दर्जन दुर्घटनाएं सामने आ चुकी है। जिनमें से अधिकतर बेगमगंज सुल्तानगंज मार्ग पर घटित हुई तो दूसरे मुख्य सागर भोपाल मार्ग पर सामने आई है।

अभिभावकों की भी अहम भूमिका :- इस संबंध में पुलिस के अनुसार जितनी जिम्मेदारी वाहन चलाने के समय सावधानी और सुरक्षा उपायों को अपनाने के संबंध में जागरूक करने की पुलिस की है। उतनी ही जिम्मेदार स्कूली शिक्षकों और अभिभावकों की भी है। कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने से रोकने और इस तरह की लापरवाहियों को न बरतने अभिभावकों को अहम भूमिका निभाना चाहिए।

लगातार दी जाती है जानकारी- पुलिस के जरिए बराबर इस तरह की जानकारी स्कूलों व वाहनों की चैकिंग के दौरान वाहन चालकों को दी जाती है। कि वे सड़क पैदल पार करते या वाहन चलाते समय मोबाइल या ईअर फोन का उपयोग न करें। हेलमेट का उपयोग करें फोन आ जाए तो रूककर बात करें।

                            -संतोष सिंह थाना प्रभारी


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