गैस पीड़ितों ने कहा, हाईकोर्ट 2012 में कर चुका है फैसला
भोपाल। डाव कंपनी ने आपत्ति की है कि, वह अमेरिकी कंपनी है, जिस पर भारतीय कानूनों के तहत भोपाल कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती है। दूसरी ओर, गैस पीड़ितों का कहना है कि वर्ष 2012 में ही हाईकोर्ट अपने आदेश में साफ कर चुका है कि सुनवाइ हो सकती है। ऐसे में अब सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर 6 जनवरी 2024 को सुनवाई होगी।
दरअसल भोपाल गैस पीड़ितों की याचिका पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विधान माहेश्वरी की कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। इसमें डाव कंपनी की ओर से दो तर्क पेश किए गए, जिनमें पहला था कि कंपनी मैनेजमेंट को हाजिर होने से छूट देकर आंशिक उपस्थिति स्वीकार की जाए। दूसरा तर्क था कि अमेरिकी कंपनी होने से उसके खिलाफ सुनवाई का क्षेत्राधिकार भोपाल कोर्ट को नहीं है।
इस पर आपत्ति करते गैस पीड़ितों की ओर से कहा गया कि आशिंक उपस्थिति स्वीकारने का आवेदन पूर्व में पेश किया गया था, तब भी स्पष्ट कर दिया गया था कि आंशित उपस्थिति जैसी कानूनी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मैनेजमेंट को हाजिर ही होना पडेÞगा। इसके अलावा भोपाल कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है, क्योंकि हाईकोर्ट ने 19 नवंबर 2012 में अपने एक आदेश में साफ कर दिया है कि अमेरिकी कंपनी के खिलाफ सुनवाई हो सकेगी। इस आदेश की प्रति को भी गैस पीड़ितों की ओर से पेश किया गया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कारण बताओ नोटिस के जवाब में उपस्थिति और क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर आखिरी मौका सहित सुनवाई 6 जनवरी 2024 को होगी। इसके बाद कोर्ट कोई मौका नहीं देगी और आदेश जारी होगा।