bhopal. जेलर को कनपटी में बंदूक दिखाकर धमकाने वाले उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी का गुंडाराज उत्तर प्रदेश के लोग शायद ही भूल पाएं। सालों तक या यूं कहें दशकों तक यूपी में दहशत फैलाकर इस बाहुबली सांसद ने अपना खौफ बनाया हुआ था। मुख्तार अंसारी के ऐसे न जाने कितने खौफनाक किस्से है जिनसे पता चलता है कि उसने यूपी के लोगों के साथ कैसी ज्यादती की जाती रही थी, लेकिन आज बात मुख्तार अंसारी की गुंडागर्दी की नहीं बल्कि उसके गुर्गों की जो खुद को मुख्तार से कम नहीं समझते हैं।
मुख्तार अंसारी के गुर्गों के काले कारनामे
मुख्तार की तरह ही मुख्तार के गैंग के गुर्गे भी सालों तक यूपी में फायदा उठाते रहे। आम जनता को दबाना, उनकी जमीन पर कब्जा करना, उनके हक मारना, उनका पैसा लूटना और अपना घर भरना सालों तक ये खेल जमकर खेला गया। आम जनता पुलिस के पास जाए तो भी कोई फायदा नहीं क्योंकि उनकी फरियाद सुनने की जगह मुख्तार अंसारी के नाम का रौब दिखाया जाता, लेकिन अब इन गुर्गों की काली करतूत भी सामने आ रही हैं।
सालों पहले किए कांड अब आ रहे हैं सामने
मुख्तार अंसारी के एक गुर्गे के खिलाफ एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई है। इस शिकायत के मुताबिक अब्दुल मजीद के मकान पर सालों पहले मुख्तार के गुर्गों ने कब्जा कर लिया था। जबरन अब्दुल मजीद की कोठी उनसे छीन ली गई थी और फिर उसे गिराकर उस जमीन पर अपार्टमेंट बना दिए गए थे। अब्दुल मजीद और उनके परिवार ने उस वक्त पुलिस में शिकायत की। तब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। मुख्तार अंसारी की राज्य में तूती बोलती और इसका फायदा उठा रहे थे उसके गुर्गे। पुलिस मुख्तार का नाम सुनते ही कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। मजीद के भतीजे ने अब अपने चाचा के बिहाफ पर ये शिकायत दर्ज करवाई है।
निकहत परवीन भी हुई गिरफ्तार
इसी तरह पिछले हफ्ते मुख्तार अंसारी के एक गुर्गे की पत्नी निकहत परवीन को गिरफ्तार किया गया है। निकहत परवीन सत्रह सालों से उस पद के लिए तनख्वाह ले रही थी जिसे उसने गलत तरीके से पाया था। निकहत ने फर्जी पेपर तैयार करके सहायक टीचर की नौकरी शुरू कर दी थी। दरअसल ये बात भी उसी दौर की है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। साल 2006 में एक मदरसे में निकहत सहायक शिक्षिका के पद पर तैनात हुई और अब इस बात को सत्तरह साल बीत चुके हैं। वो अब तक सैलरी के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा ले चुकी है। निकहत का पति रियाज मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी रहा है और इसी का फायदा उसने उठाया अपनी पत्नी को फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी दिलाने में। जब तक राज्य में सपा का शासन था तो कोई कुछ पूछने वाला नहीं था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। निकहत का केस जब सामने आया तो पुलिस ने कार्रवाई की और निकहत को गिरफ्तार किया गया है।
17 सालों से ले चुकी थी डेढ़ करोड़ से ज्यादा सैलरी
ये बात भी सामने आई कि सहायक शिक्षिका के पद के लिए निकहत परवीन अयोग्य थी। निकहत परवीन मदरसा मदरसतुल मसकीन में नौकरी कर रही है। यहां पर नियम के अनुसार 55 फीसदी नंबर वाले को ही सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। निकहत परवीन ने अपनी मार्कशीट में ही फर्जी नंबर डालकर इस नौकरी को पाया।