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भाजपा-कांग्रेस का खेल बिगाड़ रहे सपा, आप, बसपा और निर्दलीय उम्मीदवार

64 सीटों पर त्रिकोणीय हुआ चुनावी मुकाबला

भोपाल। मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस के अलावा सपा, आप और बसपा ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। हालांकि इस बार चुनाव में कोई लहर दिखाई नहीं दे रही है। लेकिन नामांकन वापसी के बाद प्रदेश भर से जो रूझान मिले रहे हैं उनके अनुसार प्रदेश की 159 सीटों भाजपा-कांग्रेस में आमने-सामने का मुकाबला दिखाई दे रहा है। जबकि प्रदेश की 64 सीटें ऐसी हैं, जहां सपा, आप, बसपा और निर्दलीयउम्मीदवारों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मैदान में हैं। बसपा ने यहां पूर्व विधायके बलवीर दंडौतिया को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने मौजूदा विधायक रविंद्र सिंह तोमर को टिकट है। यहां नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिष्ठा दांव पर है। लेकिन बसपा उम्मीदवार बलवीर ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। इसी तरह से भिंड में भाजपा ने सपा से आए नरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने भाजपा से आए राकेश सिंह को टिकट दिया है। यहां भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर संजीव सिंह बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में कूदकर चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया।

                            – मुरैना-सुमावली में त्रिकोणी होगी लड़ाई

मुरैना विधानसभा सीट परे भाजपा ने सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने दिनेश गुर्जर को टिकट दिया है। जबकि बसपा से पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह के बेट राकेश सिंह ताल ठोक रहे हैं। जो कि भाजपा से नाराज होकर बसपा में शामिल हुए हैं। इस सीट पर बसपा ने मुकाबले को त्रिकोणी बना दिया है। इसी तरह से मुरैना की सुमावली सीट पर भाजपा ने ऐंदल सिंह कंसाना को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पहले यहां कुलदीप सिंह सिकरवार को उम्मीदवार बनाया था। बाद में कांग्रेस ने अजब सिंह कुशवाह को उम्मीदवार घोषित कर दिया। टिकट कटने से नाराज कुलदीप सिंह बतौर बसपा उम्मीदवार चुनाव मैदान में आ डटे हैं। कुलदीप ने यहां मुकाबले का त्रिकोणीय बना दिया है।

                        – गोटेगांव में एनपी मुश्किल में फंसे

नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस उम्मीदवार एनपी प्रजापति की प्रतिष्ठा दांव पर है। यहां भाजपा ने महेंद्र नागेश को टिकट दिया है। कांग्रेस ने पहले यहां पूर्व विधायक शेखर चौधरी को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन टिकट बदलने पर शेखर बागी होकर निर्दलीय चुनाव में कूद गए हैं। शेखर के मैदान में आने से गोटेगांव में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

                        – सिंगरौली में रानी ने रोचक बनाया मुकाबला

सिंगरौली सीट पर भाजपा ने रामनिवास शाह को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने रेनु शाह को टिकट दिया है। इस सीट पर आप ने महापौर रानी अग्रवाल को मैदान में उतारकर चुनावी मुकाबले को त्रिकोणी बना दिया है। इसके साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाया लिया है।

                    – नागौद में यादवेंद्र बिगाड़ सकते हैं भाजपा का खेल

नागौद में भाजपा ने मौजूदा विधायक नागेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने डॉ. रश्मि सिंह पटेल को टिकट दिया है। कांग्रेस से टिकट कटने से नाराज होकर बतौर बसपा उम्मीदवार मैदान में उतरे पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने यहां मुकाबले का त्रिकोणीय बना दिया है।

                    – सीधी में केदार बिगाड़ सकते हैं खेल

पेशाब कांड से चर्चा में आई इसी सीट पर भाजपा ने सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने ज्ञान सिंह को उम्मीदवार बनाया है। यहां भाजपा से टिकट कटने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में कूदे विधायक केदारनाथ शुक्ला ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

                – निवास में गोंगपा ने मुकाबला त्रिकोणी बनाया

इस आदिवासी सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पर दांव लगाया है। जबकि कांग्रेस ने यहां चैन सिंह वरकड़े को टिकट दिया है। इस सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने देवेंद्र मरावी को मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

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