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पंचायत एवं नगर निगम के कर्मचारी भी राज्य शासन के कर्मचारी : हाईकोर्ट

भोपाल । इंदौर हाई कोर्ट के जज विवेक रूसिया ने प्रकरण क्रमांक 2634/2020दरियाव सिंह चौहान जिला पंचायत खरगोन बनाम मध्य प्रदेश शासन पंचायत विभाग के मामले में आदेश दिनांक 17 नवंबर 2023 को बड़ा फैसला देते हुए स्पष्ट आदेश पारित किया है कि पंचायत एवं नगर निगम के कर्मचारी भी मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारी हैं और उन्हें समस्त लाभ मध्यप्रदेश शासन के नियमित एवं अनियमित कर्मचारियों के समान ही दिया जाए। उच्च न्यायालय के आदेश से पंचायत विभाग के 80 हजार एवं नगर निगम के 2 लाख नियमित एवं अस्थाई कर्मचारी को लाभ होगा मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने हाईकोर्ट इंदौर के आदेश का स्वागत किया है तथा मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर हाईकोर्ट इंदौर के आदेश का तत्काल पालन करने की मांग की है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि मध्य प्रदेश सरकार पंचायत एवं नगर निगम के कर्मचारियों के साथ दोहरे मापदंड अपनाती है। पंचायत एवं नगर निगम के नियमित एवं अनियमित कर्मचारियों को अर्ध शासकीय कर्मचारी मानती है तथा उन्हें मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों में सामान मिलने वाली सुविधाएं एवं शासन आदेशों का लाभ नहीं देती है । पंचायत एवं नगर निगम में पदस्थ नौकरशाही भी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ-साथ सौतेला व्यवहार करती है । नगर निगम पंचायत विभाग के तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग एवं वित्त विभाग के आदेशों का लाभ सीधे तौर पर नहीं देती है। अब इंदौर हाई कोर्ट के स्पष्ट फैसले के बाद नगर निगम पंचायत विभाग की तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के समान ही अधिकार एवं मध्य प्रदेश शासन के आदेशों का लाभ प्राप्त होंगे । मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि यदि मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन ने इंदौर हाई कोर्ट के आदेश का पालन सात दिवस में नहीं करवाया तो मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश को महामहिम राज्यपाल के प्रस्तुत करके ध्यान आकर्षित करवायेगा।

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