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जाली दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करने वाला आरोपी बरी

भोपाल।  जाली दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी कर अवैध रूप से मछली से भरे ट्रक का परिवहन करने के मामले के आरोपी हेमराज मेहरा को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री मंजूषा टेकाम की अदालत ने प्रकरण प्रमाणित न पाए जाने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया। प्रकरण में आरोपी की ओर से एडवोकेट खालिद हफीज ने पैरवी की। मामले के अनुसार पुलिस थाना परवलिया सड़क ने मप्र मत्सय संघ सहकारी मर्यादित भोपाल के प्रबंधक की शिकायत पर 18 जुलाई 2011 को ट्रक क्रमांक टीएन 05 एक्स 8350 में थमार्कोल के 62 बॉक्स में बर्फ के साथ पैक करके रखी गई कतला प्रजाति की 4000 किलो ग्राम मछली को आरोपी हेमराज मेहरा के कब्जे से जप्त कर उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिंता की धारा- 379, 420 और  मत्सय अधिनियम की धारा- 5,3 (2) के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। मप्र मत्सय संघ के अधिकारियों के अनुसार उपरोक्त मछली प्रजनन काल के दौरान मछली का आखेट प्रतिबंधित  होने के बावजूद इंदिरा सागर जलाशय से चुराकर लाई जा रही थी। अदालत में आरोपी की ओर से खालिद हफीज एडवोकेट ने अपनी फायनल बहस में कहा कि उनके क्लाइंट को केवल मेमोरेंडम के आधार पर अभियुक्त बनाया गया है। उसका जब्तशुदा मछली से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है। जो मछली जब्त की गई है,वह आंध्रप्रदेश की है ,जिस पर किसी तरह की कोई पाबंद नहीं है। आरोपी से कोई लेटर पेड यदि जब्त भी हुआ है तो वह कूटरचित व फर्जी नहीं है और न ही फरियादी द्वारा उपरोक्त लेटर पेड को कूटरचित व फर्जी होना प्रमाणित किया गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री मंजूषा टेकाम की अदालत ने मामले की बहस सुनने के पश्चात और प्रकरण का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी को प्रकरण को प्रमाणित न पाए जाने पर दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया।

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