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न एक्सपायरी डेट न कंपनी का नाम

बिना बैच नंबर के खाद्य पदार्थ

बेगमगंज। शहर में अमानक और मिस ब्रांडेड खाद्य सामग्री की बिक्री की जा रही है पैक बंद कई ऐसे उत्पाद है जिस पर न कंपनी का नाम है और न एक्सपायरी डेट है। बिना नियम कानून के गली कूचों में खाद्य सामग्री बनाकर पैक करके बेचे जा रही खाद्य सामग्री जानलेवा हो सकती है। खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग के मैदानी अमले की सांठ गांठ से सब चल रहा है।

स्नैक्स बनाने वाले लोकल व्यापारी पैकबंद करके खासकर बच्चों के लिए उत्पाद तैयार करते है ऐसे उत्पाद को बाजार में बेचा जा रहा है। लंबे अर्से से किए जा रहे इस कारोबार से जहां लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। तो दूसरी ओर लोगों की जान को खतरे में डालकर खासा लाभ कमा रहे है।

नमकीन और मसाला पैकेट:- जगह जगह होटलों एवं किराना दुकानों पर साधारण पॉलीथिन में पैक समोसे एवं नमकीन के पैकेट बिक रहे है। पैकेट पर न मेन्यूफेक्चरिंग, न एक्सपायरी डेट है। जब विक्रेताओं से उक्त सामग्री बनाने वाली कंपनी और उसकी निर्माण की डेट पूछी तो दुकानदार का कहना था कि फेरी वालों से लेते

है । खट्टा मीठा नमकीन पर वेस्ट बिफोर 45 डे लिखा था लेकिन मेन्यूफेक्चरिंग डेट नहीं थी। गुड़ पट्टी, गजक और अन्य प्रकार के नमकीन पैकेट रखे हुए थे जिन पर एक्सपायरी डेट को हाथो से बदल दिया गया था। इस प्रकार दुकानदार का तर्क था कि सारा माल भोपाल से ऐजेंट के माध्यम से बुलाते है। ऐजेंट कहां से लाता है इस बात की जानकारी उनके पास नहीं है। आसपास की दुकानों पर भी ऐसे उत्पाद रखे हुए थे जिनमें बड़ी मात्रा में नकली, फिंगर, नकली रसगुल्ले, चमचम रखे हुए थे। यह सारे उत्पाद बेंचने के बारे में पूछा जाने पर दुकानदार रे रटा रटाया जवाब दे दिया कि उन्हें फेरी वालों से लेना पड़ता है। फेरी वालों के संबंध में दुकानदार कोई जानकारी नहीं दे सके । यह पूछे जाने पर कि इसको खाकर कोई बीमार हो जाता है तो इसकी जवाबदारी किस की होगी। इस बात का दकानदार ने जवाब नहीं दिया।

फूड सेफ्टी एक्टः- लाइसेंस 12 लाख से ज्यादा के आय व्यय वाले उत्पादों को लायसेंस ।

रजिस्ट्रेशनर - 12 लाख से कम आय वालों का रजिस्ट्रेशन।

उत्पाद - निर्मित उत्पाद में निर्माता का नाम और पते का पैकेट पर स्पष्ट उल्लेख हो।

क्वालिटी - यदि उत्पादक ने उत्पाद मे रंग मिलाया है तो उसकी क्वालिटी का उल्लेख हो ।

एक्सपायरी - उत्पाद मे न्यूट्रीशियन वैल्यू बैज नंबर, निर्माण तिथी और एक्सपायरी डेट का उल्लेख हो।

फैक्ट फायल - यदि पैकिट पर एक्सपायरी डेट नहीं, पैकिंग का तरीका सुरक्षित नहीं, और बैज नंबर का भी जिक्र नहीं है तो ये घोर लापरवाही मानी जाएगी जो नियमों का पालन नहीं करने पर संबंधित कंपनी या व्यक्ति के खिलाफ 3 से 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

इस संबंध में निरीक्षक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग कुदसिया खान का कहना है कि इस तरह पैकिंग करके बेंचे जा रहे उत्पादों के सैंपल लिए जाएगें यदि सैंपल अमानक मिलते है तो दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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