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4 जी और 5 जी शुरु करवाने बीएसएनएल कर्मचारियों ने बनाई मानव श्रृंखला

भोपाल। 4 और 5 जी सेवाएं शुरू करने के बजाय बेवजह बीएसएनएल प्रबंधन की अडंगेबाजी से प्राइवेट कंपनियों को फैलने का मौका मिल रहा है और अरबों रुपए के मार्केट पर कब्जा करती जा रही हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार का रवैया भी निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बना हुआ है, जिससे नवरतन कंपनियों में शामिल दूरसंचार का सेक्टर लगातार गर्त में जा रहा है। 

यह कहना है बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के सचिव महेश रायकवार का, जोकि मंगलवार को भोपाल के न्यू मार्केट स्थित महाप्रबंधक कार्यालय, दूरसंचार में कर्मचारियों की मानव श्रृंखला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इसी तरह 1 जनवरी 2017 से वेज रिवीजन लंबित होने के बाद भी लागू नहीं किया जा रहा है। इसके विरोध में देशभर में आंदोलन शुरु करके घेराव किया जाएगा। इस मौके पर ज्वाइंट फोरम आफ नान एक्जीक्यूटिव यूनियंस एंड एसोसिएशन के किशन ठाकुर, अख्तर हुसैन, सलामत अली, त्रिलोचंद गोयल, राजू रायकवार, ललिता नंदा, अंगूरी बाई, रामेश्वर दुबे, हबीब खान, नानकराम रामनानी, राजेंद्र प्रसाद तिवारी, रामनिवास आदि ने नारेबाजी करते मांगें गिनार्इं। इनमें 1 जनवरी 2017 से वेज रिवीजन लागू करने, प्रमोशन पॉलिसी में सुधार करके लागू करने, 4 और 5 जी सेवाओं के शुरू करने में बेवजह की बाधा दूर करने के साथ ही निजीकरण को बढ़ावा देने पर रोक लगाई जाए। 

केंद्र सरकार निजीकरण पर उतारू

बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के सचिव महेश रायकवार ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझ कर बीएसएनएल को बर्बाद करने पर तुली है। बीते दो-तीन सालों से लगातार कर्मचारी यूनियनें मांग करती आ रही हैं कि 4 और 5 जी सेवाएं शुरू की जाएं, लेकिन प्राइवेट कंपनियों से मिलीभगत के चलते सुनवाई नहीं हो रही है। रायकवार ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि दूरसंचार के क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के बर्बाद होने की जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई करे। साथ ही बीएसएनएल को फिर से सबसे आगे लाने के लिए अविलंब कदम उठाए। इसके अलावा कर्मचारियों की मांगों पर सहमति बनने के बाद भी पूरा करने में हो रही देरी के लिए जिम्मेदारी तय करके मांगें पूरी की जाएं।

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