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प्रधानमंत्री ने जातीय गौरव दिवस, 2023 के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया

new delhi. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी में जनजातीय गौरव दिवस, 2023 के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' और प्रधानमंत्री विशेष कमजोर जनजातीय समूह विकास मिशन का शुभारंभ किया। उन्होंने पीएम-किसान की 15वीं किस्त भी जारी की। श्री मोदी ने झारखंड में रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई क्षेत्रों में 7200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत आज भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव के साथ-साथ रांची में बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क-सह-स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की अपनी यात्रा को याद करते हुए की। उन्होंने दो साल पहले आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन करने का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रत्येक नागरिक को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और इसके गठन में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के विभिन्न क्षेत्रों में आज की विकास परियोजनाओं के लिए झारखंडवासियों को बधाई भी दी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड राज्य में अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत रेल मार्ग हैं।

प्रधानमंत्री ने आदिवासी गौरव के लिए भगवान बिरसा मुंडा के प्रेरक संघर्ष का जिक्र करते हुए असंख्य आदिवासी नायकों के साथ झारखंड की भूमि के जुड़ाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तिलका मांझी, सिधू कान्हू, चांद भैरव, फूलो झानो, नीलांबर, पीतांबर, जतरा टाना भगत और अलबर्ट एक्का जैसे अनेक वीरों ने इस धरती को गौरवान्वित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी योद्धाओं ने देश के हर कोने में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और मानगढ़ धाम के गोविंद गुरु, मध्य प्रदेश के तांत्या भील, छत्तीसगढ़ के भीमा नायक, शहीद वीर नारायण सिंह, मणिपुर के वीर गुंडाधुर, रानी गाइदिनल्यू, तेलंगाना के वीर रामजी गोंड, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, गोंड प्रदेश की रानी दुर्गावती के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने ऐसी शख्सियतों की उपेक्षा पर दुख जताते हुए अमृत महोत्सव के दौरान इन नायकों को याद करने पर संतोष व्यक्त किया।

झारखंड के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने याद किया कि आयुष्मान योजना की शुरुआत झारखंड से हुई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज झारखंड से दो ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हो रही है। पहली विकसित भारत संकल्प यात्रा जो सरकार और पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान की पूर्णता के लक्ष्यों का एक माध्यम होगी जो विलुप्त होने वाली जनजातियों की रक्षा करेगी और उनका पोषण करेगी।

श्री मोदी ने विकसित भारत के चार 'अमृत स्तंभ' या विकसित भारत के स्तंभों अर्थात् महिला शक्ति या नारी शक्ति, भारत के खाद्य उत्पादकों, देश के युवाओं और अंत में भारत के नव-मध्यम वर्ग और गरीबों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में विकास की डिग्री विकास के इन स्तंभों को मजबूत करने की हमारी क्षमता पर निर्भर करती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्तमान सरकार के पिछले 9 वर्षों में चार स्तंभों को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयास और कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 13 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने देश की एक बड़ी आबादी बुनियादी सुविधाओं से वंचित बताते हुए कहा- “हमारा सेवा काल तब शुरू हुआ जब हमारी सरकार 2014 में सत्ता में आई।” उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकारों के लापरवाह रवैये के कारण गरीबों की सारी उम्मीदें खत्म हो गयी थीं। उन्होंने कहा, "वर्तमान सरकार ने सेवा की भावना के साथ काम शुरू किया।” उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों को उनके दरवाजे तक सुविधाएं पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है। उन्होंने परिवर्तन के लिए सरकार के विजन को श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले गांवों में स्वच्छता का दायरा महज 40 प्रतिशत था, जबकि आज देश पूर्णता का लक्ष्य लेकर चल रहा है। 2014 के बाद की अन्य उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एलपीजी कनेक्शन 50-55 प्रतिशत गांवों से बढ़कर आज लगभग 100 प्रतिशत हो गया है, 55 प्रतिशत से 100 प्रतिशत बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगाए जा रहे हैं, आज़ादी के कई दशकों के बाद नल के पानी के कनेक्शन 70 प्रतिशत परिवारों में दिए गए जो लगभग एक दशक पहले महज 17 प्रतिशत था। उन्होंने कहा, "मोदी ने वंचितों को अपनी प्राथमिकता बनाई है।" प्रधानमंत्री ने गरीबी और अभाव के अपने व्यक्तिगत अनुभव के कारण वंचित लोगों के प्रति अपनी आत्मीयता व्यक्त करते हुए कहा कि वे सरकार के लिए प्राथमिकता बन गए हैं। उन्होंने कहा, "मैं भगवान बिरसा मुंडा की इस भूमि पर वंचितों का कर्ज चुकाने आया हूं।"

श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने आसान परिणामों की ओर जाने के प्रलोभन का विरोध किया है और लंबे समय से लंबित मुद्दों पर ध्यान दिया है। उन्होंने 18,000 गांवों के विद्युतीकरण का उदाहरण दिया जो अंधकार युग में रहने के लिए अभिशप्त थे। लाल किले की प्राचीर से की गई घोषणा के अनुरूप समयबद्ध तरीके से विद्युतीकरण किया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवनयापन में आसानी के प्रमुख मापदंडों को 110 जिलों में उठाया गया, जिन्हें पिछड़ा घोषित किया गया था। आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने इन जिलों में क्रांतिकारी बदलाव लाए। उन्होंने बताया कि इन जिलों में सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी है। उन्होंने कहा, "आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता को आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के माध्यम से विस्तारित किया जा रहा है।"

प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए कहा, "सच्ची धर्मनिरपेक्षता तभी आती है जब देश के किसी भी नागरिक के खिलाफ भेदभाव की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।" उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय का भरोसा तभी मिलता है, जब सबको बराबरी से, समान भावना से सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने यह भी कहा कि 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के पीछे यही भावना है, जो आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से शुरू होकर अगले वर्ष 26 जनवरी तक चलेगी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "इस यात्रा में सरकार मिशन मोड में देश के हर गांव में जाएगी और हर गरीब और वंचित व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाएगी।"

प्रधानमंत्री ने 2018 में ग्राम स्वराज अभियान के आयोजन को याद किया जहां सात प्रमुख सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक हजार सरकारी अधिकारियों को गांवों में भेजा गया था और विश्वास व्यक्त किया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा भी उतनी ही सफल होगी। उन्होंने कहा, "मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब हर गरीब के पास मुफ्त राशन के लिए राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन, घरों में बिजली की आपूर्ति, नल से पानी का कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड और पक्का घर होगा।" प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रत्येक किसान और मजदूर को पेंशन योजनाओं से जुड़ने और युवाओं को मुद्रा योजना का लाभ उठाने के अपने सपनों को साकार करने के अपने विजन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "विकसित भारत संकल्प यात्रा भारत के गरीबों, वंचितों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए मोदी की गारंटी है।"

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के संकल्प का एक प्रमुख आधार पीएम जनमन या पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान है। उन्होंने कहा कि यह अटल जी की सरकार थी जिसने आदिवासी समाज के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और एक अलग बजट आवंटित किया। उन्होंने बताया कि आदिवासी कल्याण का बजट पहले की तुलना में 6 गुना बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन के तहत सरकार आदिवासी समूहों और आदिम जनजातियों तक पहुंचेगी, जिनमें से अधिकांश अभी भी जंगलों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लाखों की आबादी वाले 75 ऐसे आदिवासी समुदायों और आदिम जनजातियों की पहचान की है जो देश के 22 हजार से अधिक गांवों में रहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले की सरकारें आंकड़ों को जोड़ने का काम करती थीं, लेकिन मैं आंकड़ों को नहीं, जिंदगियों को जोड़ना चाहता हूं। इस लक्ष्य के साथ, पीएम जनमन आज शुरू हो गया है।” उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इस महा अभियान पर 24,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।

प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदायों के विकास के प्रति राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के दृढ़ संकल्प के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने श्रीमती मुर्मु को महिला नेतृत्व वाले विकास का प्रेरक प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए उनके जीवन के हर चरण को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाईं।'' उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय, पीएम आवास योजना, सैनिक स्कूल और रक्षा अकादमी खोलने जैसी पहल की गईं। मुद्रा लाभार्थियों में 70 प्रतिशत महिलाएं हैं, स्वयं सहायता समूहों को रिकॉर्ड सहायता और नारीशक्ति वंदन अधिनियम जीवन बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भाई दूज का पवित्र त्योहार है। ये भाई देश की सभी बहनों को गारंटी देता है कि हमारी सरकार हमारी बहनों के विकास में आने वाली हर बाधा को दूर करके रहेगी। नारी शक्ति का अमृत स्तंभ विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

श्री मोदी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना यह दर्शाती है कि केंद्र सरकार विकसित भारत की यात्रा में प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह योजना विश्वकर्मा मित्रों को आधुनिक प्रशिक्षण और उपकरण उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, ''इस योजना पर 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।''

आज जारी की गई पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 2,75,000 करोड़ रुपये से अधिक किसानों के खातों में जमा किए जा चुके हैं। उन्होंने पशुपालकों और मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, पशुओं के मुफ्त टीकाकरण पर 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी खर्च, मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य सम्पदा योजना के तहत वित्तीय सहायता और देश में 10 हजार नए किसान उत्पादन संघों के गठन के बारे में भी बताया। बाजार को अधिक सुलभ बनाकर किसानों के लिए लागत में कमी लायी जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाए जाने और श्रीअन्न को विदेशी बाजारों में ले जाने के सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने राज्य में नक्सली हिंसा में कमी के लिए झारखंड के समग्र विकास को श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य जल्द ही अपने गठन के 25 वर्ष पूरे करेगा। साथ ही उन्होंने झारखंड में 25 योजनाओं की पूर्णता के लक्ष्य की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी और जीवनयापन में आसानी को बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने आधुनिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "सरकार शिक्षा का विस्तार करने और युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने कहा कि यह छात्रों को अपनी मातृभाषा में चिकित्सा और इंजीनियरिंग का अध्ययन करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में देश भर में 300 से अधिक विश्वविद्यालय और 5,500 नए कॉलेज स्थापित किए गए हैं। उन्होंने डिजिटल इंडिया अभियान और भारत के एक लाख से अधिक स्टार्ट-अप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनने का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने रांची में आईआईएम परिसर और आईआईटी-आईएसएम, धनबाद में नए छात्रावासों के उद्घाटन के बारे में भी चर्चा की।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि अमृत काल के चार अमृत स्तंभ यानी भारत की महिला शक्ति, युवा शक्ति, कृषक शक्ति और हमारे गरीब और मध्यम वर्ग की शक्ति भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और भारत को एक विकसित भारत बनाएंगे।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा झारखंड के राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा उपस्थित थे।


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