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मप्र में सरकार: इंटेलिजेंस-कांग्रेस की वापसी, भाजपा का आकलन 120 + सीटों के साथ बरकरार


मालवा, निमांड में नुकसान की पूर्ति ट्राइबल बेल्ट से

मोदी की घोषणाएं व बूथ मैनेजमेंट से मिली कामयाबी

भोपाल। कडे मुकाबले के बाद सारे अनुमानों को ध्वस्त करते हुए एक बार फिर से मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। इस बारे में प्रदेशभर के बूृथों से मिली रिपोर्ट के आधार पर 120 प्लस सीटों के साथ सरकार बनने का गणित लगाया गया है। दूसरी ओर, इंटेलीजेंस इनपुट वर्ष 2018 वाली नौबत आने का अनुमान जता रहा है। यानि सूबे में कांग्रेस सरकार की वापसी हो रही है। 

सूत्रों के अनुसार भाजपा को बूथों से लेकर प्रत्याशियों तक से मिले फीडबैक  के आधार पर माना जा रहा है कि 120 से ज्यादा सीटें मिलेंगी, जिससे आसानी से सरकार बनाई जा सकेगी। यह भी तर्क है कि चुनाव मैनेजमेंट से लेकर कार्यकर्ताओं को एकजुट करके मैदान में उतारने से जीत मिलना तय है।

यह रहेंगे भाजपा की जीत के आधार

मालवा और निमाड़ में नुकसान होगा, जिसकी भरपाई ट्राइबल बेल्ट से पूरी हो जाएगी। इसका आधार यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झारखंड में की गई आदिवासी हित में 24 हजार करोड़ की घोषणाओं के फायदे की जानकारी आदिवासियों तक पहुंच गई। 

बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में बूथ मैनेजमेंट से कस्बाई मतदाताओं के साथ ही किसानों की की नाराजगी से होने वाले नुकसान की भरपाई पिछड़ा, आदिवासी के साथ ही पार्टी का कैडर करेगा। इससे बेहद कम मार्जिन से कई सीटों पर अप्रत्याशित जीत मिलेगी। 

लाड़ली बहना योजना से डैमेज कंट्रोल का समीकरण है, जिसमें ग्रामीण और कस्बाई महिलाओं के वोट 80प्रतिशत से ज्यादा भाजपा के पाले में आए। 

राम मंदिर का निर्माण, काशी और मथुरा के फैक्टर ने भी प्रोफेशनल्स से लेकर ग्रामीणों और युवाओं में पार्टी के पक्ष में आखिर-आखिर में मतदान करवाया। 

2018 वाली स्थिति के आसार

लोकल इंटेलीजेंस के एक उच्च अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हर चुनाव के तत्काल बाद ही रिपोर्ट हायर लेवल पर भेजी जाती है। इसमें जिलों की लोकल इंटेलीजेंस का इनपुट होता है। इस बार भी ऐसी रिपोर्ट तैयार हुई है, जिसमें मतदान के प्रतिशत और मतदाताओं के झुकाव सहित लोकल फैक्टर शामिल हैं। इस बार सरकार बनने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, बल्कि 100 से 115 सीटों के बारे में अनुमान है। इसमें 10 से 20 सीटों का एरर हो सकता है। यही कारण है कि इंटेलीजेंस वर्ष 2018 के नतीजे दोहराने का भी गणित सामने रख रहा है। यानि मतदान के बाद इंटेलीजेंस का एक्जिट पोल बता रहा है कि सरकार कांग्रेस की बनेगी। 

प्रत्याशियों ने दिया फीडबैक

भाजपा प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को प्रत्याशियों को बुलाया गया, जिनके फीडबैक पर मंथन हुआ। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महासचिव हितानंद शर्मा शामिल थे। हालांकि इस बैठक को लेकर भाजपा प्रवक्ताआें या दूसरे पदाधिकारियों ने जानकारी देने से मना करते कहा कि, इंटरनल बैठक है, जिसके विषयों को बाहर नहीं बताया गया है।

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